मृतक के परिजनों द्वारा लगाये गये आरोप पूर्णत: असत्य
जिला अस्पताल में पूर्ण रूप से शव के
सम्मान का ध्यान रखते हुये पोस्टमार्टम कार्रवाही की जाती है-सिविल सर्जन डॉ राय
दमोह : 08 नवंबर 2024
सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ राकेश राय ने बताया बटियागढ़ के ग्राम घूघस निवासी राजा लोधी पिता पुष्पेन्द्र लोधी उम्र 05 वर्ष को 30 नवम्बर 24 को सुबह 05:12 पर जहरीले सर्पदंश के कारण गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल लाया गया था, जिसका ड्यूटी डाक्टर डॉ. दिव्यांशु अवस्थी द्वारा संपूर्ण इलाज किया गया था, किन्तु इलाज के दौरान सुबह 5.25 बजे राजा लोधी की मृत्यु हो गई। ड्यूटी डाक्टर द्वारा मर्ग सूचना कोतवाली को प्रेषित कर दी गई थी परंतु मरीज के परिजन पी.एम. न कराने की बात कर रहे थे और जबरन मृतक का शव अपने साथ झाड़फूक कराने हेतु ले जाना चाह रहे थे, ड्यूटीरत डाक्टर व अस्पताल चौकी के पुलिस कर्मचारियो के द्वारा शव ले जाने से मना करने पर मृतक के परिजनो द्वारा हंगामा करते हुये अनरगल आरोप लगाये और कहा मृतक का पी.एम. उसकी किडनी निकालने हेतु किया जा रहा है। परिजन जबरन शव को अस्पताल से ले गये जिसकी सूचना ड्यूटीरत डाक्टर द्वारा कोतवाली दमोह को दी गयी।
सिविल सर्जन डॉ राय ने बताया प्रकरण पर कोतवाली पुलिस द्वारा संज्ञान लेते हुये मृतक से संबंधित थाना बटियागढ़ पुलिस को सूचित किया जिस पर बटियागढ़ पुलिस ने कार्यवाही करते हुये बटियागढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पी. एम. कार्यवाही पूर्ण कर शव परिजनो को सुपर्द कर दिया है। डॉ राय ने कहा मृतक के परिजनों द्वारा लगाये गये आरोप पूर्णतः असत्य है, जिला अस्पताल दमोह में पूर्ण रूप से शव के सम्मान का ध्यान रखते हुये नियमानुसार पोस्टमार्टम कार्यवाही की जाती है।
ग्राम बोरीखुर्द में विधिक साक्षरता शिविर संपन्न
दमोह : 08 नवम्बर 2024
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री आनंद कुमार तिवारी एवं जिला न्यायाधीश,अध्यक्ष तहसील विधिक सेवा समिति हटा श्री सुनील कुमार के मार्गदर्शन में 04 नवंबर से 09 नवंबर 2024 तक न्यायोत्सवः विधिक सेवा सप्ताह के अंतर्गत आज ग्राम बोरीखुर्द में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किया गया। शिविर में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्री तेज सिंह गौड़, ग्राम के सरपंच, सचिव एवं ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्री तेज सिंह गौड़ ने श्रमिकों को संबोधित कर बताया असंगठित क्षेत्र की खास बात यह है कि वहां ज्यादातर श्रम कानून लागू नहीं होते है। इसमें काम करने वालों की दशा दयनीय है। ना वे सुनिश्चित रोजगार पाते हैं, न उनको सही वेतन मिलता है और न ही उन्हें कोई कल्याणकारी सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं। इस क्षेत्र में रोजगार हमेशा नहीं होता एवं इसलिए काम की कोई गारंटी नहीं होती। वह एक जगह से दूसरी जगह जाते रहते हैं, क्योंकि काम की स्थिरता नहीं होती एवं अक्सर उनके बच्चों की पढाई भी छूट जाती है।
उन्होंने बताया शहरों में वह झुग्गी में रहते हैं, जहां घर एवं शौच का प्रबंध नहीं होता है। स्वास्थ्य सेवा एवं प्रसूति लाभ जो संगठित क्षेत्र में उपलब्ध हैं, उनके लिए नहीं हैं। कर्मकार प्रतिकर अधिनियम, कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, प्रसूति सुविधा अधिनियम, औद्योगिक उपवाद अधिनियम, उपदानसंदाय अधिनियम, कर्मचारी भविष्य-निधि और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम आदि की जानकारी दी साथ ही उनके द्वारा नालसा एवं सालसा की योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
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