सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने वालों के विरूद्ध कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्री कोचर ने किया प्रतिबंधात्मक आदेश जारी..
आदेश का उल्लंघन,चूक करने पर दोषी व्यक्ति, समूहों के विरूद्ध अन्य अधिनियमों के साथ..
भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत होगी वैधानिक कार्यवाही..
दमोह : सोशल मीडिया एवं अन्य जनसामान्य द्वारा यह तथ्य ध्यान में लाया गया है कि सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर आदि के माध्यम से असामाजिक तत्वों के कई समूहों द्वारा सामाजिक तानेबाने को तोड़ने व विभिन्न समुदायों के मध्य संघर्ष/वैमनस्यता की स्थिति निर्मित करने हेतु सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्मों पर तरह-तरह के आपत्तिजनक संदेश जैसे चित्रों व वीडियो एवं ऑडियो मैसेज आदि का प्रसारण किया जा सकता है तथा इस प्रकार के प्रसारण से कई बार लोगो को एक स्थान पर एकत्रित होने एवं एक समुदाय के विरुद्ध वातावरण निर्मित करने जैसे संदेशों का प्रसारण किया जाता है। इससे जिले के सामुदायिक सद्भाव एवं शांति व्यवस्था के लिए प्रतिकूल स्थितियां निर्मित हो सकती है। इन संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए जान-माल की सुरक्षा एवं लोक परिशांति तथा कानून व्यवस्था बनाये रखने, सार्वजनिक एवं निजी लोक संपत्ति के सुरक्षार्थ एवं आम जनमानस की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुये सोशल मीडिया पर इस प्रकार की आपत्तिजनक पोस्ट डालने वालो के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किया जाना आवश्यक मानते हुये भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार कोचर ने संपूर्ण दमोह जिले की भौगोलिक सीमाओं में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।
यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा और यदि इस आदेश को विखंडित न किया जाये तो जारी तिथि से आगामी दो माह तक प्रभावशील रहेगा। आदेश का उल्लंघन/चूक करने पर दोषी व्यक्ति/समूहों के विरूद्ध अन्य अधिनियमों के साथ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
जारी आदेश में कहा गया है दमोह जिला अंतर्गत कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म जैसे-फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, इंस्टाग्राम, हाईक, एस.एम.एस. टेलीग्राम एवं सोशल मीडिया साइट आदि का दुरुपयोग कर धार्मिक, सामाजिक, जातिगत, क्षेत्रीय, भाषागत भावनाओं एवं विद्वेष को भड़काने के लिए किसी भी प्रकार के संदेश जैसे चित्रों व वीडियो एवं ऑडियो मैसेज आदि का प्रसारण नहीं करेगा।
जिले अंतर्गत कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म में किसी भी प्रकार के आपत्तिजनक एवं उन्माद फैलाने वाले संदेश, फोटो, वीडियो, ऑडियो इत्यादि जिससे धार्मिक, सामाजिक, जातिगत आदि भावनाएं भड़क सकती हैं या सांप्रदायिक विद्वेष पैदा हो सकता है उसे प्रसारित नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया के किसी भी पोस्ट जिसमें धार्मिक, सांप्रदायिक एवं जातिगत भावना भड़कती हो, को कमेंट, लाइक, शेयर या फॉरवर्ड नहीं करेगा। ग्रुप एडमिन की यह व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी कि वह ग्रुप में इस प्रकार के संदेशों को रोके।
जिले अंतर्गत कोई भी व्यक्ति सामुदायिक, धार्मिक, जातिगत विद्वेष फैलाने या लोगों अथवा समुदाय के मध्य घृणा, वैमनस्यता पैदा करने या दुष्प्रेरित करने या उकसाने या हिंसा फैलाने का प्रयास सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्मों के माध्यमों से नहीं करेगा और न ही इसके लिए किसी को प्रेरित करेगा।
यह आदेश सर्व साधारण को सम्बोधित है और चूकि यह आदेश जन सामान्य के जान-माल की सुरक्षा तथा भविष्य में लोकशांति भंग होने की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए जारी किया जा रहा है इसकी तामीली प्रत्येक व्यक्ति पर सम्यक रूपेण कराया जाना एवं सुनवाई किया जाना संभव नही है। यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163(2) के अंतर्गत एक पक्षीय पारित किया जाता है। सार्वजनिक माध्यमों, इलेक्ट्रोनिक मीडिया एवं समाचार पत्रों के माध्यम से सर्व संबंधितों को अवगत कराया जा रहा है। इस आदेश से व्यथित व्यक्ति भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा-163 के अंतर्गत कलेक्टर के न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा। अत्यंत विशेष परिस्थितियों में कलेक्टर संतुष्ट होने पर आवेदक को किसी भी लागू शर्तों से छूट दे सकेगा।
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