दमोह: जिले के हटा विधानसभा क्षेत्र के एक आदिवासी छात्रावास में चल रहे घोटाले और बच्चों की दयनीय स्थिति ने एक बार फिर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाल ही में हुए औचक निरीक्षण में छात्रावास में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं।
ठंड में फटे कपड़े, कच्ची रोटियां
छात्रावास में रहने वाले बच्चों ने बताया कि उन्हें ठंड के मौसम में पर्याप्त कपड़े नहीं दिए जाते, जिसके कारण उन्हें फटे कपड़ों में ही गुजर बसर करना पड़ रहा है। साथ ही, उन्हें खाने में कच्ची और जली हुई रोटियां दी जाती हैं। छात्रावास में साफ-सफाई का भी अभाव है और बच्चों को सोने के लिए फटे गद्दे और तकिए दिए जाते हैं।

शिकायत करने पर धमकी
बच्चों ने बताया कि जब वे अपनी समस्याओं को वार्डन के सामने रखते हैं तो उन्हें छात्रावास से निकाल देने की धमकी दी जाती है। छात्रावास में पचास सीटें होने के बावजूद बहुत कम बच्चे ही रहते हैं।

तहसीलदार ने जताई नाराजगी
हटा तहसीलदार प्रवीण त्रिपाठी ने छात्रावास का निरीक्षण कर वार्डन से जवाब मांगा, लेकिन वार्डन एक भी सवाल का जवाब नहीं दे पाया। तहसीलदार ने वार्डन की कार्यप्रणाली पर गंभीर नाराजगी व्यक्त की।
कलेक्टर को भेजी जाएगी रिपोर्ट
तहसीलदार ने निरीक्षण रिपोर्ट तैयार कर कलेक्टर को भेजी है। इस रिपोर्ट में छात्रावास में चल रहे घोटाले और बच्चों की दयनीय स्थिति का उल्लेख किया गया है।
इनका कहना है /- तहसीलदार प्रवीण त्रिपाठी
मेरे द्वारा छात्रावास का निरीक्षण किया गया जिसमें साफ सफाई, चौकीदार, भोजन की गुणवत्ता, स्टाक पंजी का संधारण नहीं पाया गया है। रिपोर्ट तैयार कर कलेक्टर को भेजी जा रही है।
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