हृदय रोग बीमारी से जूझ रहे रियांश यादव की होगी सर्जरी..
आरबीएसके ने दी रियांश को नई उम्मीद: हृदय रोग का इलाज होगा मुफ्त..
सरकार की योजना से मिला रियांश को नया जीवन..
दमोह : यह कहानी है दमोह जिले से 50 किमी दूर ग्राम हिनौती पोस्ट कुम्हारी तहसील पटेरा में रहने वाले रामकिशोर यादव के परिवार की। जिनकी शादी के तीन साल बाद पहली किलकारी रियांश के रूप में गूंजी, बच्चा जन्म से ही बहुत कमजोर होने के साथ-साथ बच्चे को बार-बार सर्दी जुखाम व बुखार की समस्या बनी रहती थी, बच्चे को परेशानी बढ़ती जा रही थी।
एक दिन उनके गांव की ऑगनवाड़ी केन्द्र पर आरबीएसके टीम से डॉ. बसंत लोडकर बच्चों की स्क्रीनिंग करने पहुचे तो रियांश मॉ रचना यादव ने भी रियांश की जांच कराई, जहां डॉ. बसंत ने बताया कि बच्चे को हृदय रोग जैसे लक्षण समझ आ रहे है। डॉ. बसंत लोडकर ने उन्हें तत्काल जिला अस्पताल दमोह के डीईआईसी में विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. जलज बजाज को दिखाने की सलाह देते हुये रेफर किया गया। दूसरे ही दिन रामकिशोर बच्चे को लेकर जिला शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र डीईआईसी लेकर आये जहां शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जलज बजाज द्वारा हार्ट की सर्जरी हेतु हायर सेंटर भेजा गया, जहां बच्चे के इलाज पर 90 हजार रूपये खर्च आना बताया गया। इसका स्टीमेट उनके पिता राजकिशोर यादव द्वारा डीईआईसी में अन्य आवश्यक दस्तावेज के साथ जमा किया गया, जहां सीएमएचओ डॉ. मुकेश जैन, सिविल सर्जन डॉ. राकेश राय, डॉ. जलज बजाज एवं डीपीएम डॉ. चन्द्रशेखर पाण्डेय द्वारा आवेदन को स्वीकृति प्रदान करते हुये बच्चे के इलाज हेतु आरबीएसके मॉडल कॉस्टिंग पैकेज अंतर्गत 90 हजार की स्वीकृति प्रदान की गई।
आज जब उनके पिता स्वीकृत राशि आर्डर की कॉपी लेने आये तो उन्होंने कहां की राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत मेरे बच्चे रियांश के इलाज हेतु राशि स्वीकृति हो गई है, अब सर्जरी के बाद मेरा बच्चा ठीक हो जायेगा।
कलेक्टर कोचर को ग्राम मारुताल की अंजली राजपूत ने किये
रेजर और शापनर भेंट..
दमोह : जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर को जिले के ग्राम मारुताल की अंजली राजपूत ने आज विद्यार्थियों के लिए वितरण करने के उद्देश्य से रेजर और शार्पनर भेंट किये। कलेक्टर श्री कोचर ने अंजली को धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा इसी तरह का उद्देश्य हम सभी का होना चाहिए।

ज्ञातव्य है कलेक्टर श्री कोचर ने जिले के नागरिकों से आग्रह किया था जन्म दिन या किसी अवसर पर मुझे कोई स्मृति चिन्ह देना ही चाहते हैं तो फिर कॉपी, किताबें, पेंसिल, रबर, शार्पनर आदि भेंट करे ताकि गरीब बच्चों के बीच बांटे जा सकें और उन गरीब बच्चों की पढ़ाई का सपना साकार हो सके।
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