दमोह जिला अस्पताल: स्पेशल नवजात देखभाल इकाई में 1554 नवजातों को मिला नया जीवन..
दमोह: दमोह जिला अस्पताल की स्पेशल नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू) ने 1554 नवजात शिशुओं को नया जीवन दिया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुकेश जैन के अनुसार, यह इकाई शिशु मृत्यु दर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
इकाई की सफलता:

- अप्रैल 2024 से अब तक 1769 गंभीर रूप से भर्ती नवजातों में से 1554 (88%) को सफलतापूर्वक डिस्चार्ज किया गया है।
- यह राज्य औसत 80% से अधिक है।
- इकाई में कंगारू मदर केयर पद्धति से शिशुओं की विशेष देखभाल की जाती है।
- आवश्यकता पड़ने पर ही एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं।
इकाई की सुविधाएं: - 1800 ग्राम से कम वजन और 34 सप्ताह से पहले जन्मे शिशुओं का इलाज किया जाता है।
- श्वास संबंधी समस्या, पीलिया, दूध न पी सकने की समस्या और कम वजन वाले शिशुओं का भी इलाज होता है।
- इकाई में 30 बिस्तर, 26 रेडियंट वार्मर और 6 फोटोथेरेपी उपकरण हैं।
- एसएनसीयू इकाई में 2500 ग्राम से कम वजन के शिशुओं को कंगारू मदर केयर के जरिए स्तनपान और संक्रमण में सुधार लाने पर जोर दिया जा रहा है।
- अत्यावश्यक होने पर ही एंटीबॉयोटिक डोज देने से शिशुओं में वजन एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होने से उन्हे स्वस्थ करने में सफलता मिल रही है।
- डिस्चार्ज के समय परिजनों को शिशु की देखभाल और स्वच्छता संबंधी जानकारी दी जाती है।
- डिस्चार्ज के बाद भी स्टाफ परिजनों से संपर्क में रहता है।
विशेषज्ञों की राय: - शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जलज बजाज ने बताया कि इकाई में 24 घंटे समर्पित चिकित्सक और नर्सिंग अधिकारी उपलब्ध रहते हैं।
- यहॉ से छुट्टी मिलने के बाद भी स्टॉफ द्वारा परिजनों को कॉल कर बच्चों की सेहत के बारे में जानकारी ली जाती है। फॉलोअप जांच के लिए बुलाया जाता है।
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