दमोह में 97 जलाशयों और तालाबों में खेती प्रतिबंधित..

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दमोह में 97 जलाशयों और तालाबों में खेती प्रतिबंधित
दमोह। ग्रीष्मकाल में तालाबों में खेती और कृषि गतिविधियों को प्रतिबंधित करते हुए, जिला मजिस्ट्रेट श्री सुधीर कुमार कोचर ने जल संसाधन संभाग दमोह के अंतर्गत आने वाले 97 जलाशयों और तालाबों में तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह आदेश इसलिए जारी किया गया है क्योंकि पिछले वर्षों में यह देखा गया है कि किसान अवैध रूप से खेती करके तालाबों के निम्नतम जल स्तर (LSL) से नीचे के पानी का दोहन करते हैं, जिससे तालाबों में संरक्षित पानी मत्स्य पालन और पशुओं के लिए आरक्षित जल समाप्त हो जाता है।
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्री कोचर ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत जिले की राजस्व सीमा के अंतर्गत जल संसाधन संभाग दमोह के अंतर्गत आने वाले इन जलाशयों और तालाबों में खेती और कृषि को प्रतिबंधित कर दिया है।
जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि आदेश का उल्लंघन या चूक करने वाले दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 और अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के साथ-साथ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
आदेश में कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग दमोह को निर्देशित किया गया है कि वे अपने स्तर से विभागीय दल गठित कर जल संसाधन संभाग दमोह के अंतर्गत आने वाले 97 जलाशयों/तालाबों में अवैध खेती/कृषि की जांच करें। जांच में अवैध खेती/कृषि पाए जाने पर संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाएगा।
इस आदेश के उल्लंघन के संबंध में कोई भी व्यक्ति दमोह हेल्पलाइन नंबर 07812-350300 पर सूचना या शिकायत दर्ज करा सकता है। सूचना या शिकायत प्राप्त होने पर कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग दमोह की टीम त्वरित कार्रवाई करते हुए अवैध खेती/कृषि की जांच कर संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के समक्ष प्रतिवेदन प्रस्तुत कर सूचित करेगी।
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार के माध्यम से उल्लंघनकर्ता के विरुद्ध मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही कराएंगे। इस कार्य में संबंधित थाने के पुलिस अधिकारी और मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे।
यह आदेश सर्वसाधारण को संबोधित है और चूंकि यह आदेश भविष्य में लोक शांति बनाए रखने हेतु जारी किया जा रहा है, इसलिए इसकी तामिली प्रत्येक व्यक्ति पर सम्यक रूप से कराया जाना और सुनवाई किया जाना संभव नहीं है। अतः यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163(2) के अंतर्गत एक पक्षीय पारित किया जाता है। सार्वजनिक माध्यमों, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और समाचार पत्रों के माध्यम से सभी संबंधितों को अवगत कराया जा रहा है।
कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग दमोह द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, जल संसाधन संभाग दमोह के अंतर्गत 97 जलाशयों का निर्माण कराया गया है, जिससे लगभग 60000 हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है। ग्रीष्मकाल में तालाबों में खेती/कृषि करना प्रतिबंधित है, लेकिन प्रायः पिछले वर्षों में यह पाया गया है कि किसान अवैध रूप से खेती कर तालाबों में पाए जाने वाले निम्नतम जल स्तर (LSL) से नीचे के पानी का दोहन करते हैं, जिससे तालाबों में संरक्षित पानी जो कि मत्स्य पालन एवं पशुओं के लिए आरक्षित है, समाप्त हो जाता है।

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