मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो वाल्मीकी समाज के कार्यक्रम में हुये शामिल..
नगर पालिका के सफाई कामगारों का किया सम्मान..
दमोह: 16 अप्रैल 2025
मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो आज दमोह पहुंचे और स्थानीय मानस भवन में वाल्मीकी समाज के कार्यक्रम में शामिल हुये। उन्होंने नगरपालिका के सफाई कामगारों का सम्मान किया।
इस अवसर पर मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने कहा हम सभी बाबा साहब अंबेडकर की जन्म जयंती मनाने के लिए एकत्रित हुए थे, मुझे बहुत तीव्र पीड़ा और वेदना है, इस बात कि आज जिस वाल्मीकि समाज के भाई बहनों से कम वेतन में बरसों से काम करवाया गया, उनको उनके अंतर की शेष राशि का भुगतान भी करवाया जाएगा। उन्होंने कहा भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने हमारे दलित सफाईकर्मी भाई बहनों के पैर धुलाकर के ये संदेश दिया है, कि दलित सफाईकर्मी भाई बहनों का सम्मान सर्वोपरि ही है और एक-एक सरकारी कर्मचारी के दिमाग में ये बात तय कर लें इनके वेतन के साथ खिलवाड़ नहीं होगा, इनका वेतन नहीं रोका जाएगा। मेरा काम है, अगर इनके मानवाधिकारों का हनन हो रहा है, तो मैं आयोग की प्रदत्त शक्तियों के अंतर्गत कार्रवाई करूँ।
दमोह जिला प्रशासन सख्त, बाल विवाह रोकने वाले दल की सुरक्षा के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी..
दमोह, 16 अप्रैल 2025 – दमोह जिले में बाल विवाहों की रोकथाम के लिए गठित दलों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिला मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार कोचर ने एक महत्वपूर्ण प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत जारी किया गया है और यह तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि दमोह जिले की राजस्व सीमा के अंतर्गत कोई भी बाल विवाह संपन्न नहीं होगा। बाल विवाह रोकने के लिए गठित दल को यदि उनके क्षेत्र में कोई बाल विवाह का मामला मिलता है, तो न केवल बाल विवाह करने वाले, बल्कि उसे प्रोत्साहित करने वाले सभी व्यक्तियों जैसे बाराती, घराती, विवाह स्थल/गार्डन मालिक, खाना बनाने वाले, केटरर्स, मौलवी, पंडित और पत्रिका छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस के मालिक के खिलाफ भी बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धारा 10 और इस आदेश के उल्लंघन के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
जिला मजिस्ट्रेट ने यह भी स्पष्ट किया कि बाल विवाह के आयोजन के लिए जिले की सीमा में किसी भी स्थान पर जनसमूह का एकत्र होना लोक शांति के लिए विघटनकारी और गैरकानूनी माना जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि बाल विवाह रोकने वाले दल के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार, मारपीट या अन्य अप्रिय घटना करने वालों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह आदेश सर्वसाधारण को संबोधित है और चूंकि इसे भविष्य में लोक शांति बनाए रखने के लिए जारी किया गया है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति पर इसकी व्यक्तिगत तामीली और सुनवाई संभव नहीं है। इसलिए, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163(2) के तहत इसे एकतरफा पारित किया गया है और सार्वजनिक माध्यमों, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और समाचार पत्रों के माध्यम से सभी संबंधितों को सूचित किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने जिले में 34 बाल विवाहों को रोकने में सफलता प्राप्त की थी, जिसमें एक मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। इस वर्ष भी नियंत्रण कक्ष को जिले भर से बाल विवाह की सूचनाएं मिल रही हैं। आगामी 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया के अवसर पर संभावित बाल विवाहों को रोकने के लिए विशेष निर्देश प्राप्त हुए हैं। जिला प्रशासन इस दिशा में पूरी तरह से सतर्क और प्रतिबद्ध है।
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