दमोह : 24 नवम्बर 2023
जेल प्रशासन द्वारा जेल स्टॉफ के लिये जीवन रक्षक सी.पी.आर. की ट्रेनिंग सेशन आयोजित किया गया। इस सेशन में जिला अस्पताल के मास्टर ट्रेनर डॉ. विशाल शुक्ला एवं डॉ मनीष ने ट्रेनर की भूमिका निभाई।
डॉ. शुक्ला ने बताया कि पुलिस एवं जेल स्टॉफ को यह ट्रेनिंग अतिआवश्यक होती है क्योंकि घायल अथवा मरणासन्न व्यक्ति के पास प्रथम सूचना उपरांत पुलिस ही सबसे पहले पहुंचती है, ऐसे में तत्काल उसी समय यदि मरीज का सी.पी.आर. कर दिया जाए, तो उसकी जान भी बच सकती है।
उन्होंने बताया अक्सर नदी तालाब में डूबने, करंट लगने से, एक्सीडेंट्स से अथवा अचानक हृदयाघात होने से सांस एवं दिल की धड़कन रुक जाती है, ऐसे में यदि प्रथम व्यक्ति ही सी.पी.आर. शुरू कर दे, तो व्यक्ति की जान बच जाती है। जेल स्टॉफ में कैदियों के साथ इस तरह की स्थिति बनते ही जेल प्रहरियों को यह कार्य ट्रेनिंग अनुसार करना है। एक भी जिंदगी यदि हम सी.पी.आर. करने से बचा पाए तो हमारा जीवन सफल है।
डॉ मनीष ने फर्स्ट एड का महत्व बताते हुए कहा कई बार दुर्घटनाओं के बाद सिर्फ फर्स्ट एड न मिलने की वजह से जीवन खतरे में पड़ जाता है, जैसे बहता हुआ खून रोकना, टूटी हड्डियों की स्प्लिन्टिंग करना, प्राथमिक ड्रेसिंग करना आदि चीज़े सभी को आनी ही चाहिये।
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