श्री देव पार्श्वनाथ दिगंबर जैन सिंघई मंदिर जी दमोह में चल रहा है श्री 1008सिद्धचक्र महामंडल विधान

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दमोह – श्री देव पार्श्वनाथ दिगंबर जैन सिंघई मंदिर जी दमोह में चल रहे श्री 1008सिद्धचक्र महामंडल विधानके छटवां भगवान के दिन 256गुणों के साथ संपन्न हुई महापूजन उक्त जानकारी देते हुए मंदिर कमेटी से अरविंद जैन ने बताया कि परम् पूज्य उपाध्याय परमेष्टि मुनि श्री विश्रुतसागर जी महाराज सासंध के सानिध्य में पंडित सुरेश जैन के निर्देशन में यह नवां आयोजन है

जो प्रतिबर्ष कार्तिक माह की अष्टानिका महापर्व पर किया जाता हैइस अवसर पर मुनि श्री विश्रुतसागर जी महाराज ने बताया कि इस विघान का अपने आप में बहुत महत्व है उन्होंने कहा भगवान की पूजा भक्ति भक्त को भी भगवान बना देती है मेना सुंदरी का विवाह श्रीपाल के साथ हुआ था वह श्रीपाल जो अपने सात सौ मित्रों के साथ राज्य का त्याग कर जंगलों में निवास कर रहे थे क्योंकि उन्हें कुष्ठ रोग हो गया था और देखो भगवान की भक्ति का प्रमाण इसी सिद्धचक्र की आराधना का प्रभाव मेना सुंदरी ने यंत्र अभिषेक के जल पूरी भक्ति और भगवान पर आस्था रखते हुए कुष्ठ ग्रस्त श्रीपाल सहित सभी 700 कुष्ठ रोगियों पर सिंचन किया यहां भक्ति की प्रभावना है कि श्रीपाल अपने पूरे मित्रों के साथ कुष्ठ रोग से मुक्ति मिल गई थी ।इसी तरह यदि हम इस विधान को पूर्ण मन एवं श्रद्धा से करेंगे तो निश्चित ही इस जीवन में इच्छित फल और मोक्ष महाफल की प्राप्ति हम सभी को होगीइस अवसर पर मंदिर कमेटी के अध्यक्ष सुधीर सिंघई महामंत्री राजेश ओशो कोषाध्यक्ष राजेश जैन लेखनी देखनी ने पूज्य मुनि संघ को श्री फल समर्पित किया एवं इस विधान के सौधर्म इंद्र जिनेन्द्र कुमार जैन इस विधान के कुबेर सुरेन्द्र सराफ एवं महायज्ञ नायक संतोष सिंघई ने पूज्य मुनि श्री विश्रुतसागर जी महाराज का पादप्रच्छालन किया इस अवसर पर सबन जैन सिल्वर, दिलेश जैन चौधरी,विनय चौधरी, नागेंद्र विद्धारथी, आशीष उस्ताद, अभिषेक सिंघई सुनील सिंघई जिनेन्द्र उस्ताद, नीलेश चौधरी सहित बड़ी संख्या में श्रावकों की उपस्थिति रही।

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