अगर दुनिया में दोनों हाथों से रोजगार देने की कोई विधा है, जो संतुलित विकास को रास्ता देती है, वह हमारे स्वदेशी आंदोलन की मूल आत्मा है-पंचायत मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल
पैरो पर खड़े होने वाली शिक्षा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को दी- शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह
स्वदेशी मेला समापन में मंत्री द्वय हुए शामिल, की मेले की सराहना
दमोह : 24 नवम्बर 2024
प्रदेश के पंचायत और ग्रामीण विकास, श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल तथा प्रदेश के परिवहन एवं स्कूल शिक्षा विभाग मंत्री उदय प्रताप सिंह आज तहसील ग्राउंड में चल रहे स्वदेशी मेले के समापन कार्यक्रम में पहुँचे। प्रदेश के पंचायत और ग्रामीण विकास, श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने स्वदेशी मेले को संबोधित करते हुए कहा हमें भारतीय संस्कृति पर गर्व हैं, हमने हथियार बनाए हैं, लेकिन उन पर मर्यादा का जो चरित्र होना चाहिए, संस्कार होना चाहिए, वह भारत के स्वदेशी परंपरा में हैं। उन्होंने कहा हमारी आत्मा में हमने समर्थ को स्वीकार किया हैं, लेकिन उसके साथ हमने त्याग के दंड को सिर पर रखकर यह तय किया कि वह प्रकृति के खिलाफ ना जा सके, स्वदेशी आंदोलन सिर्फ इसी उद्योग जगत का आंदोलन नहीं था।
यह स्वदेशी आंदोलन या स्वदेशी मेला उन भावनाओं को मजबूत करने के लिए है, जो पहले सुनते नहीं थे, गांधी जी ने भी एक कोशिश की थी, उन्होंने कहा था कि स्वदेशी के प्रति हमारा आग्रह है बढ़ाना चाहिए, कम नहीं होना चाहिए। इस स्वदेशी की सामर्थ के लेकिन उसके बावजूद भी हमारी पीढ़ियां दर पीढ़ियां आई गई और पाश्चात्य से प्रभावित होती गई। श्री पटेल ने कहा हमने स्वदेशी के विचार को कहीं ना कहीं कमजोर करने की जो गलती की थी, आज फिर से पूरी दुनिया इस बात को मानती है कि यदि कोई दुनिया में भुखमरी से बचा सकता है, अगर दुनिया में दोनों हाथों से रोजगार देने की कोई विधा है, जो संतुलित विकास को रास्ता देती है, वह हमारे स्वदेशी आंदोलन की मूल आत्मा है।
उन्होंने कहा मानव जाति की भविष्य के बारे में कोई दिशा और भविष्य शांति का दिखता नहीं वहां जाने के बाद भी मैं आज गर्व के साथ कहूंगा वह विचार जो 100 साल पहले इस धरती पर आया और जिसने कहा ठीक है सत्ता चलाने वाले सत्ता चलाएंगे लेकिन समाज बनाने का काम कोई तो करेगा आज उनकी असमर्थ थी इसका एक हिस्सा जो स्वदेशी आंदोलन का हिस्सा है, उसमें दमोह की धरती पर 1842 की क्रांति की जगह है, वहां पर अपने सफलता के साथ यह आयोजन किया। मैं आपको डॉक्टर सोनल राय जी सेन और उनकी पूरी टीम को हृदय से बधाई देता हूं इसकी प्रेरणा क्षेत्रीय संगठन मंत्री केशव जी की है, उनकी टीम की है, उनको भी शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने सभी से आग्रह करते हुए कहा यहां से स्वदेशी का संकल्प लेकर जरूर जाइए।
इस अवसर पर प्रदेश के परिवहन एवं स्कूल शिक्षा विभाग मंत्री उदय प्रताप सिंह ने स्वदेशी मेले को संबोधित करते हुए कहा स्वदेशी के कॉन्सेप्ट को उतार कर स्व-रोजगार के साथ जीवन में कैसे आगे बढ़ाए, इसका पूरा लवो-लवाब देश की शिक्षा नीति में हैं, उस पर भी कार्य किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा पैरो पर खड़े होने वाली शिक्षा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश को दी है। प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी नई शिक्षा नीति को लगातार लागू करने में फोकस होकर कार्य कर रहे हैं। श्री सिंह ने कहा स्वदेशी हमारी शिक्षा में समाहित होगी, विषय वस्तु होगी, शिक्षा में ज्ञान का आधार होगी, स्वदेशी जिस पर आगे आने वाले समय में कार्य किया जायेगा। उन्होंने कहा श्री मोदी जी देश के प्रधानमंत्री बनते ही स्किल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया का कॉन्सेप्ट इस देश में लेकर के आए थे, जिन नौजावनो ने स्व-रोजगार में आगे बढ़े, हिम्मत दिखाई वो आज समाज में स्थापित हो गए। उन्होंने कहा इस देश में जब तक व्यक्ति स्व-रोजगार के अलावा अपना खुद का व्यवसाय नहीं करते जीवन में सफल नहीं होते हैं। इस अवसर पर अन्य अतिथियों ने भी अपने विचार रखें।
अतिथियों के स्वागत के पूर्व उदघोष जय स्वदेशी, जय-जय स्वदेशी का नारा दिया गया। अतिथि परिचय व सम्मान (स्मृति चिन्ह, माला, अंग वस्त्र) से किया गया। इसके उपरांत दमोह के विभिन्न प्रतिभाशाली व्यक्तियों का सम्मान, संचालन समिति व व्यवस्था समिति का परिचय, आभार किए जाने के उपरांत गणेश वंदना श्री रनवेंद्र वाराणसी टीम द्वारा प्रस्तुत की गई। इस दौरान पुरस्कार वितरण व सम्मान आयोजित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ मोनिका पालीवाल तथा आभार प्रताप पटेल द्वारा किया गया।
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