जनपद हटा ग्राम पंचायत गैसाबाद में सरपंच सचिव की मिली भगत से लाखों का हेर फेर..

Spread the love

जनपद हटा ग्राम पंचायत गैसाबाद में सरपंच सचिव की मिली भगत से लाखों का हेर फेर

जिला सीईओ अर्पित वर्मा के जांच आदेश के बाद भी किया गया बिलों का फर्जी भुगतान

दमोह- मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के मुख्यमंत्री के कार्यकाल का एक साल पूर्ण हो गया है, लेकिन इस एक साल में दमोह जिले की हटा जनपद पंचायत में भ्रष्टाचार के नए-नए कारनामें सामने आ रहे हैं , ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत गैसाबाद से सामने आ रहा है, जहां पर उपयंत्री, सचिव व महिला सरपंच ने जिस कंसट्रक्शन कंपनी से काम कराया, उसे भुगतान न करते हुए दूसरी कंसट्रक्शन कंपनी के बिल लगाकर भुगतान करा लिया। शिकवा शिकायतें होने पर अब महिला सरपंच दलित कार्ड खेलते हुए जांच को प्रभावित करने का जतन कर रही है।

ग्राम पंचायत गैसाबाद में भवानी कंसट्रक्शन द्वारा तीन निर्माण कार्य कराए गए, जिनके द्वारा 25 लाख 84 हजार रूपए के बिल सबमिट किए गए। इन बिलों को ग्राम पंचायत के सचिव धुन सिंह राजपूत ने महिला सरपंच की मिली भगत से मनरेगा साइड से डिलीट कर दिए। इसके बाद कूट रचना रचते हुए पटेरा की अंशिका ट्रेडर्स जो गौरव विश्वकर्मा द्वारा संचालित की जाती है, उसके बिल सबमिट किए गए। इसकी शिकायत भुवानी कंसट्रक्शन के भरत पटेल द्वारा जिला पंचायत सीईओ से लेकर कलेक्टर तक की गई। जिला पंचायत सीईओ द्वारा मामला सही पाते हुए जांच के लिए निर्देशित किया। साथ ही उपयंत्री राकेश खरे, सरपंच ललिता अहिरवार व सचिव धन सिंह राजपूत के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। इस नोटिस के जारी होने के बावजूद भी हटा जनपद सीईओ भूर सिंह रावत ने 25 लाख 84 हजार रूपए का भुगतान भी कर दिया।

अब वसूली के अंदेशे से अर्नगल आरोप

जिला पंचायत सीईओ अर्पित वर्मा द्वारा जो नोटिस जारी कर जांच बिठाई गई है, उससे मामला साफ है कि उपयंत्री, सचिव व सरपंच से वसूली की जाकर इनके विरुद्ध कार्यवाही होना भी तय है, जिस पर महिला सरपंच अपना दलित होने का फायदा उठाते हुए शिकायतकर्ताओं पर झूठे आरोप लगाकर अपने द्वारा किए गए व्यापक भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने का प्रयास कर रही है। इस पूरे मामले सामने आ रहा है कि उपयंत्री, सरपंच व सचिव ने तीनों ने पूरी राशि का आपसी बंदरबांट किया है और पटेरा की कंपनी को महज राशि निकालने के लिए तय निश्चित राशि दी गई है।

जनपद सीईओ ने भी लिया हिस्सा

इस पूरे मामले में जनपद सीईओ भूर सिंह रावत की भूमिका भी संदिग्ध प्रतीत हो रही है, उन्होंने मोबाइल पर बातचीत में यह कहा है कि उन्हें जिला पंचायत सीईओ अर्पित वर्मा द्वारा जारी किए गए नोटिस की जानकारी नहीं थी, जिससे उन्होंने पूरा भुगतान करा दिया। वहीं सूत्र बताते हैं जनपद पंचायत हटा में होने वाले भुगतानों में सीईओ रावत का एक बड़ा हिस्सा होता है, जिससे वह नियम कायदों से भी परे जाकर भुगतान कर रहे हैं, इस तरह हटा जनपद में उनके द्वारा करोड़ों का भुगतान किया गया है।

About The Author

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com