एक ही जमीन की अनेक रजिस्ट्री होने पर स-प्रमाण शिकायत कर सकते हैं शिकायत पर तत्काल कार्रवाही की जायेगी-कलेक्टर कोचर..
दमोह : दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने जमीन से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों में सख्त रुख अपनाते हुए आम जनता को आश्वस्त किया है कि एक ही जमीन की अनेक रजिस्ट्री होने या फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री होने जैसी शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर ने कहा, “अगर किसी व्यक्ति को लगता है कि उसके साथ जमीन से जुड़ा कोई धोखा हुआ है तो वह लिखित में शिकायत कर सकता है। शिकायत के साथ सभी जरूरी दस्तावेज भी संलग्न किए जाने चाहिए।”
कलेक्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि रजिस्ट्री कार्यालय मूल दस्तावेजों की वैधता की जांच करता है, लेकिन फर्जीवाड़े की स्थिति में शिकायत दर्ज करानी जरूरी है। उन्होंने कहा, “फ्रॉड के मामलों में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
जमीन से जुड़े किसी भी लेनदेन के समय सभी दस्तावेजों को ध्यान से जांच लें ,अगर आपको कोई धोखाधड़ी लगती है तो बिना देरी किए शिकायत करें। शिकायत के साथ सभी जरूरी दस्तावेज संलग्न करें।
दमोह कलेक्टर का यह फैसला जमीन से जुड़े धोखेबाजों के लिए एक बड़ा झटका है। इससे आम जनता में विश्वास बढ़ेगा और वे बिना किसी डर के शिकायत कर सकेंगे।
सेंट जॉन्स सीनियर सेकेण्डरी विद्यालय में कलेक्टर कोचर ने की विद्यार्थियों से चर्चा..
यदि हम अपनी जिंदगी में कुछ आदतें बदल पाये तो तन,मन और जीवन का कचरा भी साफ कर पायेंगे-कलेक्टर कोचर..
दमोह को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने में सहयोग की विद्यार्थियों से अपेक्षा..
दमोह : स्वच्छता पर बात बच्चों के साथ कार्यक्रम में कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने स्थानीय सेंट जॉन्स सीनियर सेकेंडरी विद्यालय में कचरे के प्रबंधन के संबंध में विद्यार्थियों से बात करते हुये दमोह को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने में सहयोग की अपेक्षा की। कलेक्टर श्री कोचर ने तन की सफाई, मन की सफाई तथा जीवन की सफाई पर बोलते हुए विद्यार्थियों से कहां की आप जिस क्षेत्र में भी अपना लक्ष्य निर्धारित करें, उसमें सर्वश्रेष्ठ बनने का प्रयास करें। उन्होंने कहा विद्यार्थियों की मेहनत कभी बेकार नहीं होगी तथा विद्यार्थी जो भी कार्य करेंगे श्रेष्ठ कार्य करने पर मन को प्रसन्नता होगी तथा समाज को कुछ दे पाएंगे। छात्र-छात्रायें तथा महिला-पुरुष तभी सहजता से एक दूसरे के साथ उठ-बैठ सकेंगे जब लोगों का मन स्वच्छ होगा।
कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने कहा मैं अगली पीढ़ी को इस अभियान से जोड़ना चाहता हूं, यदि हम अपनी जिंदगी में कुछ आदतें बदल पाए तो तन का कचरा भी साफ कर पाएंगे, मन का कचरा भी साफ कर पाएंगे और जीवन का कचरा भी साफ कर पाएंगे। पहला पॉइंट है तन का कचरा इसका मतलब हम आसपास जो कचरा देखते हैं वह है, आप अपनी जिंदगी में बहुत छोटे-छोटे काम उठाएं जैसे कि स्विच ऑफ करना, घर से या स्कूल से निकलते समय देखें कि यदि कोई लाइट और पंखा फालतू चल रहा है तो तुरंत उसका स्विच ऑफ कर दें, जब भी घर में, किसी ऑफिस में, किसी शॉप में या शादी में जाते हैं, वहां पर हाथ धोने के लिए वॉश बेसिन लगा हुआ रहता है, यदि उसमें नल खुला हुआ है तो उसका टेप तुरंत बंद करना चाहिये, नल से पानी भरते समय नल को ज्यादा नहीं खोलना है, यह सब आप आसानी से कर सकते हैं, यह सब बिल्कुल कठिन नहीं है। यदि यह दो चीज आप अपनी जिंदगी में लेकर आ गए तो इस देश के लिए बहुत बड़ा योगदान होगा। तीसरी चीज है कचरा, कचरा इधर-उधर नहीं फेंकना है हमारी आंखें डस्टबिन को ढूंड़े, हम कहीं पर भी जाएं हमारी आंखों को डस्टबिन या कचरा गाड़ी देखनी चाहिए और यदि कहीं पर डस्टबिन नहीं दिखता है तो उस चिप्स के रेपर को जहां पर डस्टबिन देखेगी वहां पर उसको डाल दें।
कलेक्टर कोचर ने कहा जब भी कोई त्यौहार आते हैं, हमारे घर में पूजा होती है पूजा होने के बाद पूजन सामग्री को एक पॉलिथीन में बंद करके तालाब में नदी में फेंक देते हैं, जिससे वह पानी दूषित होता है, इसे निकालने के लिए बहुत पैसा खर्च करना पड़ता है और बहुत एफर्ट करना पड़ता है। इस बारे में आप ध्यान दें और अपने पेरेंट्स से ‘नो’ कहना सीखे कि हम बिल्कुल नहीं फेंकेंगे, तालाबों के किनारे हमने विसर्जन कुंड बनाए हुए हैं, उनमें ही पूजन सामग्री डालें, इन चीजों में आप अभी से एक्शन ले सकते हैं।
कलेक्टर कोचर ने कहा जीवन का कचरा साफ करना, यह वही उम्र है जब आपको यह डिसाइड करना है, कि आप अपने जीवन से क्या चाहते हैं, क्या बनना चाहते हैं, कहां जाना चाहते हैं। अब स्कूल परसेंटेज बनाने की फैक्ट्री नहीं है, स्कूल कांसेप्चुअल क्लेरिटी की फैक्ट्री है, यदि आपने कॉन्सेप्ट अच्छे से क्लियर कर लिए तभी आप कॉम्पिटेटिव एक्जाम में पास हो पाएंगे, चाहे वह इंडिया की कोई सी भी कॉम्पिटेटिव एक्जाम हो। उन्होंने कहा हमें नंबर वन नहीं बनना है सिर्फ वन बनना है, सिर्फ वन बनने का मतलब है कोई भी काम छोटा बड़ा नहीं है, जरूरी नहीं है कि आप सब में से हर छात्र-छात्रायें कलेक्टर ही बनें, यदि आप सेफ भी बनते हैं तो सिर्फ वन सेफ बनिए, नंबर वन नहीं, आप कुछ भी करें अपनी जिंदगी में कोशिश करना कि सिर्फ वन बनाना है, नंबर वन बनने में प्रॉब्लम्स है, कॉम्पिटिशन है, लेकिन सिर्फ वन बनने में कोई प्रॉब्लम नहीं है। उन्होंने कहा कोशिश करिए अपनी जिंदगी में तन का कचरा, मन का कचरा और जीवन का कचरा यदि हम साफ कर पाए तो हमारी जिंदगी सफल हो जाएगी।
इस अवसर पर सहायक परियोजना समन्वयक मोहन राय ने सूक्ष्मजीवों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया सूक्ष्मजीव जहां एक ओर हमारे शरीर में विभिन्न बीमारियां पैदा करते हैं वहीं दूसरी ओर कचरे के प्रबंधन में सूक्ष्मजीवों का अत्यंत महत्व है, यह पेड़ पौधों तथा जंतुओं के अवशेष को कंपोस्ट में बदलकर पर्यावरण संरक्षण में हमारी मदद करते हैं। कार्यक्रम में नगर पालिका दमोह से कलीम खान, सेंट जॉन्स विद्यालय की प्राचार्य, समस्त स्टाफ एवं कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
More Stories
खुले में रखी धान परिवहन की धीमी रफ्तार ,मावठा बारिश का बन रहा मौसम , हजारों क्विंटल खुले में रखी धान पर मंडरा रहा खतरा..
नन्हीं खुशियां कार्यक्रम में पहुंचे राज्यमंत्री पटैल दिव्यांग बच्चों को उपहार एवं अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया..
कांग्रेस का तंबू उखाडऩे पहुंचा युवा मोर्चा..