किसानों के साथ मानवीय अत्याचार कर रही बिजली कंपनी..

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किसानों के साथ मानवीय अत्याचार कर रही बिजली कंपनी..
रात डेढ़ बजे से सुबह पांच बजे तक मिल रही बिजली..

दमोह- भाजपा शासनकाल में भले ही किसानों को सम्मान निधि की मामूली रकम देकर उन्हें सम्मानित महसूस कराया जा रहा हो, लेकिन किसानों के मानवीय अधिकारों का हनन बिजली कंपनी द्वारा किया जा रहा है। ग्रामीणों को रात्रि 10 बजे बिजली सप्लाई न करते हुए आधी रात को 1.30 बजे से सुबह 5 बजे तक ही बिजली दी जा रही है। बिजली कंपनी के अधीक्षण यंत्री दावा कर रहे हैं कि मप्र सरकार के ही निर्देश हैं कि आधी रात को किसानों को बिजली सप्लाई की जाए।

मुख्यमंत्री मोहन यादव के राज में किसानों को सिंचाई के लिए रतजगा करने विवश होना पड़ रहा है। किसानों के मानवीय अधिकारों का ख्याल न रखते हुए उन्हें आधी रात में बिजली सिंचाई के लिए दी जा रही है। अभी दिसंबर व जनवरी माह की कडक़ड़ाती ठंड के बीच किसानों को खेतों में पानी देने जाना पड़ा। मप्र सरकार जहां मानवीय अधिकारों की ढींगे हांकती है, वहीं किसानों के मानवीय अधिकारों का हनन हो रहा है। कंपकंपाती ठंड में फसलों की सिंचाई के लिए रात में बिजली दी जाती है। जबकि किसानों के लिए दिन में बिजली सप्लाई कराई जानी चाहिए ताकि किसान रात में नींद ले सके। उन्हें सम्मान निधि की राशि देकर फसल उगाने के लिए कड़ी मशक्कत कराने के लिए विवश किया जा रहा है। जिसकी अनदेखी की जा रही है।

किसानों को हो रही परेशानी
किसानों को रात में सिंचाई करने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। राजा पटना किसान वीरेंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि जब अन्य व्यवसाय वाले रात में चैंन की नींद सोते हैं, तब अन्नदाता अपनी फसलों को बचाने के लिए कडक़ड़ाती ठंड में अपने खेतों में होता है। उन्होंने दमोह विधायक जयंत मलैया से लेकर बिजली कंपनी के अधिकारियों से रात्रि 10 बजे से बिजली प्रदाय करने की मांग की है, जो नहीं मानी जा रही है।

सरकार का आदेश
अधीक्षण यंत्री सुभाष नागेश्वर का कहना है कि सरकार के ऊपर से निर्देश हैं कि किसानों को आधी रात डेढ़ बजे से बिजली सिंचाई के लिए उपलब्ध कराई जाए। सरकार के आदेशों का पालन किया जा रहा है।

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