रवि सिक्यूरिटी, कामथेन कंपनी डकार गई कर्मचारियों की भविष्य निधि
अस्पताल के कर्मचारियों ने किया हंगामा
दमोह- जिला अस्पताल में सफाई कर्मचारी, गार्ड, वार्ड वॉय ऐसे कर्मचारी हैं जो सर्विस प्रोवाइडर कंपनी रवि सिक्यूरिटी, कामथेन कंपनी के अधीनरत कार्यरत हैं। ये दोनों कंपनियां पिछले चार साल से कर्मचारियों की भविष्यनिधि जमा न करते हुए डकार रही हैं। जिस पर पिछले दो माह से इन कंपनियों के बिल रोके गए हैं। कंपनियों ने बिल रोके जाने पर चार की भविष्य निधि जमा करने के बजाए कर्मचारियों का वेतन ही रोक दिया है। अब कर्मचारी परेशान तंगहाल कलेक्टर से लेकर सिविल सर्जन और बाबुओं के चक्कर काट रहे हैं। मंगलवार को कर्मचारियों ने हंगामा करते हुए अपनी बात रखी।
जिला अस्पताल में सफाई कर्मचारियों के लिए लगी रवि सिक्यूरिटी व गार्डों के लिए लगी कामथेन कंपनी कर्मचारियों का शोषण कर रही है। यह खुला शोषण पिछले चार साल से हो रहा है, इस शोषण करवाने में मुख्य भूमिका जिला अस्पताल के दो बाबुओं की हैं, जिनमें एक हैं उमेश बागरी व दूसरे हैं भूप सिंह। जिनके द्वारा कंपनियों के खाते में वेतन व भविष्य निधि की राशि तो जमा कराई जा रही थी, लेकिन यह दोनों बाबू यह निगरानी नहीं रख रहे थे कि भविष्य निधि कर्मचारियों के खाते में जा रही हैं या नहीं। इस मामले में कर्मचारियों ने हो हल्ला मचाया तो जिला अस्पताल प्रबंधन ने अपनी गलती पर पर्दा डालने के लिए कर्मचारियों का नवंबर, दिसंबर व जनवरी माह का बिल रोक रहा है। उधर रवि सिक्यूरिटी व कामथेन कंपनी अस्पताल प्रबंधन से ईपीएफ की राशि लेती रही है। करीब चार साल 80 लाख से अधिक की भविष्य निधि रवि सिक्यूरिटी व कामथेन कंपनी ने घोटाला किया है।
उमेश बागरी व भूप सिंह की मिली भगत
एनएचएस के बाबू उमेश बागरी व आरकेएस के बाबू भूप सिंह द्वारा कंपनियों से मिली भगत के कारण कर्मचारियों का शोषण होता रहा है, अब पिछले चार साल ईपीएफ की राशि जमा न होने पर कंपनियों से कहा गया है कि पहले ईपीएफ की राशि कर्मचारियों के खाते में जमा करें फिर बिल किया जाएगा। बताया जा रहा है कि मामूली सी वेतन पाने वाले लेखापाल उमेश बागरी का लिविंग स्टेंडर्ड किसी प्रेक्टिशनर डॉक्टर से बढक़र है, जिनकी आय के आर्थिक स्रोत का पता लगाया जाए तो कर्मचारियों की भविष्य निधि का एक हिस्सा इनकी जेब में पड़ा हुआ दिखाई देगा।
इनका कहना है
रवि सिक्यूरिटी व कामथेन कंपनी द्वारा कर्मचारियों की भविष्य निधि की राशि जमा नहीं की है। जिस पर शासन का ध्यान आकर्षित कराया था। जिसमें शासन ने आदेश दिया है कि यदि भविष्य निधि की राशि जमा नहीं कराई जाती है तो उनके बिल रोके जाएं। जिससे तीन माह के बिल रोके गए हैं।
राकेश राय, सिविल सर्जन दमोह
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