तारण तरण बड़ा चैत्यालय में चढ़ाया गया स्वर्ण कलश , निकली विशाल शौभायात्रा..जब रघुनाथ किन रन कीड़ा समजत चरित्र होते मोही बीड़ा- नीलमणि दीक्षित..कटनी पंचकल्याणक से प्रतिष्ठित होकर आई भगवान आदिनाथ एवं भरत की प्रतिमाओं की भव्य अगवानी..

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तारण तरण बड़ा चैत्यालय में चढ़ाया गया स्वर्ण कलश
निकली विशाल शौभायात्रा – आज होगा वेदी सूतन एवं तिलक महोत्सव
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दमोह – फुटेरा में चल रहे श्री तारण तरण दिगंबर जैन बड़ा चैत्यालय के तीन दिवसीय महोत्सव के अंतर्गत द्वितीय दिवस कलशारोहण महोत्सव मनाकर सकल तारण समाज ने विविध अनुष्ठानों में हिस्सा लेकर जिनशासन की मंगल प्रभावना की।
महोत्सव के मीडिया प्रमुख दीपक राज जैन ने बताया कि प्रातः काल की मंगल बेला पर वेदी सूतन करने वाले समस्त जोड़ों सहित अन्य गुरु भक्तों ने शांति जाप, ध्यान, सामयिक कर महोत्सव का शुभारंभ किया पश्चात बड़ी मंदिर विधि के माध्यम से वीतरागी देव शास्त्र गुरु भगवन्तों की आराधना कर जिनवाणी माता सहित श्री गुरुमहराज का बहुमान किया, इस अवसर स्वर्ण मंगल कलश, स्वर्ण ध्वजा सहित अन्य कलशों की दान प्रभावना की गई

जिसमें गुरुभक्त भूपेंद्र जैन की ओजस्वी शैली एवं समर्पण भाव ने पूरे देश पधारे साधर्मियों का मन जीत लिया और सकल समाज ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लेकर मुक्त कंठ से दान देकर अपना जन्म सफल किया।
दान प्रभावना के बाद मुख्य पंडाल से जिनवाणी पालकी यात्रा, मंगल कलश एवं धर्म ध्वजा शौभायात्रा निकली जिसमें बैंड बाजों की मधुर धुनों पर अपार जन समुदायों मंगलगान कर रहा था, अश्वों पर धर्म ध्वजा लेकर साधर्मी, बग्गियों पर कलश एवं स्वर्ण ध्वजा लेकर सौभाग्य शाली विराजमान हुए वहीं तीन रजत पालकी में मां जिनवाणी को विराजमान कर हजा भीरों जैन बंधुओं ने नगर का भ्रमण किया जिसका सकल जैन समाज सहित नगर वासियों ने आत्मीय स्वागत कर मंगल आरती कर जिनशासन की मंगल प्रभावना की।


शौभायात्रा नगर का भ्रमण कर बड़ा चैत्यालय पहुंची जहां सौभाग्य शाली परिवारों द्वारा कलशारोहण कर स्वर्ण ध्वजा फहराई गई जिसमें मुख्य मंदिर पर कलश निर्मलकुमार जैन अजित जैन सेठ परिवार फुटेरा कलां द्वारा चढ़ाया गया एवं स्वर्ण ध्वजा अजयकुमार विजयकुमार प्रदीप प्रधान परिवार फुटेरा कला द्वारा फहराई गई साथ ही मुख्य कलश शिखर भागचंद जैन राजेश जैन पीपल वाला परिवार फुटेरा कलां द्वारा चढ़ाया गया जिनके शुभ भावों की सकल समाज ने अनुमोदना की।
सम्पूर्ण अनुष्ठान में बाल ब्रह्मचारी बसंत महाराज सहित बड़ी संख्या में त्यागी व्रती साधक एवं ब्रह्मचारी बहनों सहित विद्वतगण एवं पूरे देश से पधारे श्रेष्ठिगण सम्मिलित हुए और सभी ने मिलकर जिनशासन की मंगल प्रभावना की।


रात्रि के समय सुंदर भक्ति के माध्यम से देव – शास्त्र – गुरु भगवंतों सहित मां जिनवाणी का बहुमान किया गया एवं सभी ने ब्रह्मचारी साधकों के श्रीमुख से मां जिनवाणी का रसपान कर दिल्ली से पधारे कलाकारों द्वारा नाटक राजा हरीशचंद्र के सुंदर मंचन का लाभ लिया।
आज होगा वेदी सूतन महोत्सव –
महोत्सव अध्यक्ष निर्मल जैन एवं संयोजक अमित जैन, निखिल जैन ने बताया कि आज सोमवार 17 फरवरी को तृतीय दिवस का शुभारंभ प्रातः 6 बजे मंत्रजप, शांति पाठ, तारण त्रिवेणी के पाठ से होगा पश्चात 8 बजे से मंदिर विधि एवं वेदी सूतन का महत्व, 9 बजे से वेदी सूतन समारोह एवं आनंद उत्सव, 11.30 से पात्र भावना गोमती प्रसाद जैन सेठ परिवार द्वारा, 1 बजे से वृहद मंदिर विधि तिलक महोत्सव समारोह एवं समापन समारोह, शाम 4.30 से पात्र भावना सेठ लखन लाल दीपचंद जैन एवं समस्त टटा वाला सेठ परिवार द्वारा, संध्या 7 बजे से भक्ति, 8 से प्रवचन एवं 9 बजे पाठशाला के बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के पश्चात सम्मान समारोह एवं आभार प्रदर्शन का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। मंगलवार 18 फरवरी को महोत्सव की खुशी में नगर भोज का आयोजन कर सकल समाज सहित नगर वासियों को आमंत्रित कर उनके सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया जावेगा।

जब रघुनाथ किन रन कीड़ा समजत चरित्र होते मोही बीड़ा- नीलमणि दीक्षित..
दमोह
। नरसिंहगढ़ में चल रही संगीत में राम कथा के साथ में दिवस कथा व्यास पंडित नीलमणि दीक्षित ने कथा को आगे बढ़ते हुए कहा कि हे भवानी अब वह कथा सुनो जिस समय पक्षी ानस गरुण जी काग भूषण जी के पास गए एक समय की बात है भगवान रामचंद्र जी ने अपने आप को नाग पास में बंधा दिया तब नारद मुनि ने गरुड़ जी को भेज कर भगवान को नाग पास से मुक्त कराया जिससे गरुड़ जी के मन में यह संदेह हो गया की माया मोह से परे परमेश्वर ने जगत के उद्धार के लिए अवतार लिया है और एक तुच्छ राक्षस ने कैसे उन्हें नागपास में बांध लिया गरुण जी ने अपने मन को काफी समझाया पर उनका संदेह नहीं गया तब  विचलित होकर नारद मुनि के पास गए और अपना संदेह नारद मुनि को सुनाया सुनकर नारद मुनि को बहुत ही दया आई उन्होंने कहा भगवान की माया बड़ी बलवती है उसने कई बार मुझे भी इस माया में फसाया है

अतः आप अपने संदे को दूर करने के लिए ब्रह्मा जी के पास जाए गरुण तुरंत ही ब्रह्मा जी के पास गए वहां जाकर अपना संदेह सुनाया ब्रह्मा जी ने विचार किया यह संसार मेरा रचा हुआ है लेकिन इसकी माया मुझे भी विचलित कर देती है तब भला गरुण जी को संदेह होना कोई बड़ी बात नहीं अत उन्होंने कहा कि आप शंकर जी के पास जाएं और अपने संदे को उनसे सुनकर शांति को प्राप्त हो गरुड़ की शंकर जी के पास जा ही रहे थे कि रास्ते में भोलेनाथ से भेंट हो गई और वही संदे उन्होंने भोलेनाथ को सुना दिया भगवान भोलेनाथ तुरंत ही समझ गए की गरुण ने अपने जीवन में कभी अभिमान किया होगा तभी तो यह संदेश उन्हें हो गया है अतः भगवान शंकर ने कहा की है गरुण जी आप मुझे बीच रास्ते में मिले हो रास्ते में आपके संदे को दूर नहीं किया जा सकता इसके लिए काफी समय तक सत्संग करना होता है आप शीघ्र काग भूषण जी के पास जाए क्योंकि एक पक्षी को पक्षी ही अच्छी भाषा में समझ सकता है तथा वहां आपका संदेह अवश्य दूर होगा इसके बाद गरुड़ जी तुरंत ही जैसे कागभूंसूंडजी के आश्रम में पहुंचते हैं वहां पहुंचते ही उनका संदेश दूर हो जाता है और भगवान के चरणों में उनके प्रीति होती है उसे आश्रम में राम कथा का ऐसा आभामंडल छाया हुआ था कि जहां हजारों लाखों पक्षी प्रतिदिन राम कथा सुनकर अपने आप को धन्य महसूस करते थे इस प्रकार गरुड़जी का संदेश दूर हुआ और उन्हें भगवान के चरणों में अत्यंत प्रीति हुई कथा संयोजक पूर्व विधायक अजय टंडन ने समस्त धर्म प्रेमी जनों से कथा समय 3 से 6 बजे तक श्रवण करने का आग्रह किया है 17 फरवरी को कथा का समापन होगा समस्त भक्त अधिक से अधिक संख्या में पहुंचे।

कटनी पंचकल्याणक से प्रतिष्ठित होकर आई भगवान आदिनाथ एवं भरत की प्रतिमाओं की भव्य अगवानी..
दमोह। 
समाधिस्थ आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य आचार्य श्री समय सागर जी के आशीर्वाद एवं मुनि पुंगव श्री सुधा सागर जी महाराज के सानिध्य में कटनी में आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में दमोह के प्राचीन बड़ा जैन मंदिर में स्थापित होने वाली भगवान आदिनाथ एवं भरत की विशाल प्रतिमाओं के साथ अन्य जिन बिंबो की प्रतिष्ठा भी संपन्न की ग्ह्मं पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के बाद रविवार सुबह भगवान आदिनाथ एवं भरत के साथ अन्य जिन प्रतिमाओं के दमोह नगर आगमन पर सकल जैन समाज के द्वारा ज्वाला माई चौराहे पर बड़ा मंदिर जैन समिति के साथ भव्य अगवानी की गई।

इस अवसर पर उपाध्याय श्री विश्रुत सागर जी, मुनि श्री प्रयोग सागर जी एवं मुनि श्री निर्वेग सागर जी महाराज का मंगल सानिध्य भी सभी को प्राप्त हुआ। गाजे बाजे एवं बड़े ही धूमधाम के साथ भगवान की अगवानी करते हुए शोभायात्रा प्रारंभ हुई जो पुराना थाना टॉकीज तिराहा, सराफा, घंटाघर, नया बाजार पलंदी मंदिर धगट चौराहा जैन धर्मशाला चौधरी मंदिर होते हुए बड़ा जैन मंदिर पहुंची। इस अवसर पर रास्ते में जगह-जगह रंगोली सजाकर श्रीफ़ल समर्पित करके आरती करके श्री जी की अगवानी की गई जगह-जगह मुनि संघ का प्राद प्रछालन किया गया। सभी नवीन जिन प्रतिमाओं को प्रतिष्ठाचार्य भैया जी के निर्देशन में श्री बड़े जैन मंदिर में नवीन बेदी पर स्थापित करने की क्रिया विधि विधान से संपन्न कराई गई। इस अवसर पर मंदिर कमेटी के अध्यक्ष अनिल जैन गुड्डू जुझार, सभी आसामियो, पुण्यार्जक परिवार के साथ सकल जैन समाज की मौजूदगी रही।


सिद्ध चक्र महामंडल विधान में 512 अर्थ समर्पित हुए- दमोह के श्री पारसनाथ दिगंबर जैन नन्हे मंदिर जी धर्मशाला में मुनि संघ के सानिध्य तथा ब्रह्मचारी संजीव भैया कटंगी के निर्देशन में श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान का आयोजन चल रहा है। इस अवसर पर भव्य समवशरण की रचना करते हुए सिद्धों की आराधना की जा रही है। विधान के पांचवें दिन भक्ति भाव के साथ 512 अर्घ्य समर्पित किए गए। सोमवार को 1024 अर्घ्य समर्पित करके विधान संपन्न किया जाएगा। इसके पूर्व सुबह 9ः30 बजे मुनिश्री के एवं उपाध्याय श्री के मंगल प्रवचन होंगे। मंगलवार को विश्व शांति महायज्ञ हवन पूजन संपन्न होगा। विधान के पुण्य अर्जक महेश बड़कुल परिवार ने सकल जैन समाज से सहभागिता दर्ज करके पुण्य लाभ की अपील की है।


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