अगर आप धन्य बनना चाहते तो ह्रदय में भगवत प्रेम जगाओ स्वामी श्रवणानन्द सरस्वती जी महाराज..

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अगर आप धन्य बनना चाहते तो ह्रदय में भगवत प्रेम जगाओ स्वामी श्रवणानन्द सरस्वती जी महाराज..

दमोह :  अजब धाम में जै जै सरकार वार्षिक महोत्सव आयोजन की श्रंखला में कथापीठ से अनन्त विभूषित स्वामी अखण्डानन्द सरस्वती जी के कृपापात्र स्वामी श्रवणानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि यदि आप भगवान से मिलोगे तो भगवान कहेंगे कि आप सन्तो की सेवा करो आपका कल्याण होगा और सन्तो से मिलोगे तो सन्त बोलेंगे भगवान की सेवा करो कल्याण होगा,

            आजकल नए नए प्रकार के रोग हो रहे विन्द्रावन में कथा के दौरान एक यजमान को गुलाब से एलर्जी भी देखी,भोग में रोग का भय है। जिसके पीछे लोग भागते हैं वह अल्प है, इसलिए भगवान को प्राप्ति के लिए सतकर्म परम् आवश्यक है।

            हमारे छोटे सरकार ने यह यज्ञ यदि बद्रिका आश्रम में किया होता तो गिने चुने लोग पँहुचते लेकिन यंहा इतने विशाल श्रद्धालु और यजमान हैं,धार्मिक कार्य ऐसी जगह हो जंहा लोग पँहुच सकें।

            देवऋषि नारद भगवान की खोज में निकले रास्ते मे कई लोग मिले, बद्रिका आश्रम तक खोज करते सनत कुमार मिले,देवऋषि नारद की अवतारों,भगवान और भक्तों में चर्चा है,सभी सन्त, तीर्थ नदिया,सभी पुराण श्रीमद्भागवत कथा में पधारे ,श्रीमद्भागवत कथा की महिमा गाने मात्र से भक्ति,ज्ञान, वैराग्य तीनों तरुण हो गए और नृत्य करने लगे,प्रेमी की बोली का नाम संगीत है।वाणी में अपने आप रसीलापन और मधुरिमा आ जाती है।

            सरस्वती जी ने श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत कथा सुनने के बाद यदि आपका वैसा ही जीवन है तो सुनने का कोई लाभ नही,साधु बनने के बाद यदि साधु बनने के पहले जैसी सोच है तो कोई लाभ नही,यदि स्वभाव,व्यवहार,चिंतन न बदला तो कोई मतलब नही।

            सरस्वती जी ने कहा कि आप घर के प्रेमी,पत्नी प्रेमी, घर प्रेमी और देश प्रेमी हो सकते लेकिन आपको यदि भगवान का स्मरण होने लगे,आपको भगवान से प्रेम हो जाये तो श्रीमद्भागवत कथा कहने का सार निकले,दुनिया से नाम जा रहे हैं,सब नाम का खेल है,आपके अंदर भगवत प्रेम जागना जरूरी है।

            जब तक आपके ह्रदय में भगवत प्रेम नही भगवान नही मिलेंगे,अजब धाम में 18 पुराण,6 शास्त्र,4 वेदों का पाठ हो रहा तो वह भी किसी न किसी रूप में यंहा कथा सुनने बेठे होंगे लेकिन आपको पता नही लगेगा पूण्य भूमि पर बहुत सिद्ध पुरुष और शक्ति हो सकती है,ऐसा अनेक कथाओं में होता है,सरस्वती जी ने अपनी नेमिषारण्य में कथा का उल्लेख कर इस बात का प्रमाण भी दिया।

            आप सभी से प्रार्थना है कि यंहा अजब धाम में विराजे वेद,शास्त्र और पुराणों के दर्शन जरूर कीजिये छोटे सरकार की कृपा से आप सभी को यह सौभाग्य प्राप्त हो रहा है।

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