रेड क्रॉस एम्बुलेंस की लापरवाही, मरीजों की जान खतरे में..

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दमोह में रेड क्रॉस एम्बुलेंस की लापरवाही, मरीजों की जान खतरे में
दमोह, मध्य प्रदेश: दमोह में रेड क्रॉस एम्बुलेंस की लापरवाही का एक गंभीर मामला सामने आया है। जिला अस्पताल गेट पर लाए गए दो गंभीर मरीजों को जबलपुर रेफर करने के दौरान, एम्बुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर और डीजल की कमी पाई गई।
ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी से मरीजों की जान खतरे में:
रेड क्रॉस की एम्बुलेंस गाड़ी में गंभीर मरीजों को शिफ्ट करते समय ऑक्सीजन सिलेंडर मौजूद नहीं थे। जिला अस्पताल से जैसे-तैसे सिलेंडर की व्यवस्था की गई, जिससे मरीजों की जान बच सकी।
डीजल की कमी से रास्ते में रुकी एम्बुलेंस:
कुछ दूरी तय करने के बाद, एम्बुलेंस में डीजल खत्म हो गया, जिससे गाड़ी बीच रास्ते में ही रुक गई। लोगों का आरोप है कि निजी एम्बुलेंस को फायदा पहुंचाने के लिए रेड क्रॉस की गाड़ियों में जानबूझकर गड़बड़ी की जाती है।
गाड़ी की फिटनेस और बीमा पर सवाल:
लोगों का कहना है कि यदि गाड़ियों का फिटनेस और बीमा होता, तो ऐसी समस्याएं नहीं आतीं। सवाल यह है कि यदि इस दौरान कोई दुर्घटना हो जाती है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? गाड़ी की फिटनेस और बीमा न होना, उनकी अनुपयोगिता को दर्शाता है।
प्रशासन की लापरवाही:
रेड क्रॉस एम्बुलेंस गाड़ी की इस लापरवाही ने जिला अस्पताल प्रबंधन, मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी और आरटीओ की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि इन अधिकारियों का ध्यान किस ओर है?
लोगों में आक्रोश:
इस घटना के बाद लोगों में आक्रोश है। वे रेड क्रॉस एम्बुलेंस की लापरवाही और प्रशासन की अनदेखी पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि इस मामले की जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

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