। कार्तिक मास में । देव उठानी एकादशी पर धूमधाम से मनाया गया श्री कृष्ण जन्मोत्सव , एवं तुलसा शालिगराम विवाह

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दमोह -महिला मंडल सुरेखा कालोनी दमोह में चल रही संगीतमय श्रीमद भागवत महापुराण के चतुर्थ दिवस कथा व्यास किशोरी वैष्णवी गर्ग के मुखारविंद से कथा चतुर्थ दिवस की कथा में प्रवेश कर बताया कि किस प्रकार सुखदेव महाराज ने राजा परक्षित को राम कथा सुनाई और फिर आज चतुर्थ दिवस की कथा श्री कृष्ण जन्म अष्टमी विशेष में आज की भागवत कथा की शुरुआत राघव सरकार के विवाह उत्सव और जनकपुर के राम सीता की विवाह के उत्साह पर चर्चा की और महाराज जी ने खूब गीत गाये, उसके बाद अगस्त ऋषि की कथा और राम कथा का सूक्ष्म समापन रावण वध के साथ और राज्याभिषेक से समापन किया। 

**जन्मोत्सव पर विशेष आयोजन*
*फिर चंद्र वंश की कथा में प्रवेश करते हुए*
* कृष्ण-भक्ति दोहे के साथ भागवत कथा के चतुर्थ दिवस आयोजित भागवत जी कथा का रसपान पूरे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के उपलक्ष में महिला मंडल द्वारा मनाया गया। जिसमें दमोह के नामी भजन गायक खेमचंद्र अठया के भजन विशेष रूप से गाते हैं वो इस कथा में भक्तों को खुब नचाते हैं और खूब भजन गाये और पूरा माहौल कृष्णमय कर दिया। 

देवउठनी एकादशी को देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इसी एकादशी को भगवान विष्णु भगवान विष्णु के समेत सभी देव जागते हैं और शुभ कार्यों की भी शुरुआत हो जाती है। देव उठनी एकादशी के दिन पूजा-पाठ और व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और मांगलिक कार्य बिना किसी बाधा के पूर्ण हो जाते हैं।आज ही हरिहर मिलन भी होता है। आज रात्रि में शिव जी श्रीविष्णु जी का मिलन होता है।

*जन्मोत्सव पर विशेष आयोजन*
फिर चंद्र वंश की कथा में प्रवेश करते हुए कृष्ण-भक्ति दोहे के साथ भागवत कथा के चतुर्थ दिवस और बृज बिहारी सरकार के जन्मोत्सव पर
जग बसता  जगदीश में, जो  हैं राधा कान्त।
जुगल रूप के भाव में, होता  मानस शान्त।।

जीवन दर्शन का सद् ग्रंथ है श्रीमद् भागवत
कृष्ण ऐसे देव है जो भक्त के हृदय में और विरोधी की बुद्धि में बसते हैं। सिर्फ धर्म की रक्षा के लिए विचरण करते रहते है। जगत के अधर्मियों के नाश के लिए खुद के यदु वंश मे अधर्म देख यदु वंश का आँखों के सामने नाश होते देखते हैं।

माखन मिसरी का भोग आज कथा में लगाया गया और गुब्बारों से पूरे पांडाल को सजाया गया। भारतवर्ष में रहने वाला जो प्राणी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करता है, वह सौ जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है। इसमें संशय नहीं है। वह दीर्घकाल तक वैकुण्ठलोक में आनन्द भोगता है। फिर उत्तम योनि में जन्म लेने पर उसे भगवान श्रीकृष्ण के प्रति भक्ति उत्पन्न हो जाती है-यह निश्चित है।

श्रीकृष्ण के अवतार की कथा का मनोहारी वर्णन
कथा व्यास किशोरी वैष्णवी गर्ग के मुखारविंद से गाई जा रही श्रीमद भागवत कथा के चतुर्थ दिवस किशोरी जी ने भगवान श्रीकृष्ण के अवतार की कथा का मनोहारी वर्णन करते हुए कहा की भगवान के धरती पर आने का क्या कारण है। जब पृथ्वी लोक पर पाप बढ़ जाते हैं तब भगवान धर्म और धरती की रक्षा के लिए अवतरित होते हैं।
वह हमारे जीवन वल्लभ हैं हमारे प्राण हैं। नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की जैसे ही श्री कृष्ण जन्म का प्रसंग आया तो माता मंदिर सुरेखा कालोनी प्रांगण में हजारों श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ आया पूरे पंडाल में नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयकारों की गूंज रही।

गाजे-बाजे और शहनाइयां की धुन पर श्रद्धालु झूम झूम कर नाचने लगे। भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर पूरे पंडाल में महिलाएं बच्चे और बूढ़े सभी श्रद्धालु द्वारा नाच गाकर और पुष्प वर्षा कर धूमधाम के साथ भगवान का जन्म उत्सव मनाया। पंचम दिवस मैं महाराज जी कृष्ण बाललीला, माखन चोरी लीला, गोचरण और गोवर्धन पूजा जिसमे 56 भोग का प्रसाद वितरण एवं महिला मंडल की ओर से पूजा अर्चना करके गिर्राज महाराज की पूजा की जाएगी।डाक्टर तरुण श्रीवास्तव एवं महिला मंडल ने सुरेखा कॉलोनी ने आप सभी से अनुरोध है कि कथा श्रवण करने जरूर पधारे।

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