थाना नोहटा का चिन्हित मामला , हत्या करने वाले आरोपियों को न्यायालय ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

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परिवारिक विवाद पर से पति एवं रिश्तेदारो ने मिट्टी का तेल डालकर मृतिका को आग लगा दी थी

सजा- सभी चारो आरोपीगण को धारा 302/34 भादवि में आजीवन-आजीवन कारावास एवं व कुल 1000-1000 रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।

न्यायालय – श्रीमती रेणुका कंचन, प्रधान जिला न्यायाधीश जिला दमोह

आरोपी- 1- केसू राठौर पिता धनसींग लोधी (मृतिका का पति)
2- सुदामा साहू पिता धनसींग साहू (मृतिका का जेठ)
3- श्रीमती हर्राबाई उर्फ सुहागरानी साहू
(मृतिका का जेठानी)
4- भरतू उर्फ भरत साहू (मृतिका का भतीजा)
निवासी- ग्राम रौंड, नोहटा जिला दमोह (म०प्र०)

*घटना का संक्षिप्त विवरण*-
मामले के पैरवीकर्ता अभियोजन अधिकारी श्री कैलाश चंद पटेल द्वारा बताया गया कि, अभियोजन मामला संक्षेप में इस प्रकार हैं कि दिनाँक 18/05/2021 को पी सी आर दमोह द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि आशा बाई पति केसू राठौर जबलपुर बालाजी अस्पताल में भर्ती है,जो सूचना प्राप्त होने पर सउनि एल कन्नौजिया द्वारा बालाजी अस्पताल जबलपुर पहुँचकर प्रार्थिया आशा बाई राठोर पति केसू राठौर उम्र 40 साल निवासी रोड थाना नोहटा के कथन  बालाजी अस्पताल जबलपुर में देहाती नालसी लेख की, जो प्रार्थिया ने बताया कि-” मैं ग्राम रौड़ की रहने वाली हूँ, कक्षा 8 वी तक पढ़ी हूँ घरू काम करती हूँ, मेरी शादी आज से 20 वर्ष पहले केसू राठौर निवासी ग्राम रोड़ के साथ हुई थी, शादी के बाद हमारी दो लड़की एक लड़का हुआ बड़ी लड़की की शादी हो चुकी है दिनांक 18/05/21 को *मेरे पति से घर के काम को लेकर झगडा हुआ था*, झगड़े के समय मेरे जेठ सुदामा,जेठानी हर्रा, जेठ का लड़का भरतू भी आ गया, जो वे लोग भी हमसे झगड़ने लगे उसी समय मेरे पति मेरा दाहिना हाथ पकड़कर मुझे पीछे वाले कमरे के अंदर ले गये और वही रखी *मिट्टी के तेल की कुप्पी में भरा तेल मेरे ऊपर डाल दिया, मेरी जेठानी हर्रा, जेठ सुदामा ने मेरे दोनों हाथ पकड़े और जान से मारने की नीयत से भरतू ने माचिस की तीली जलाकर मेरे ऊपर फैला दिया जो जलने से मेरे पीठ, पेट, पैर, सिर जल गया*  घटना मेरी लड़की नेहा तथा मोहल्ले के लोगों ने देखी है, लड़की नेहा ने भाई राजेश व सोनू राठौर को खबर दी, जो भाई आ गये और बालाजी अस्पताल जबलपुर अपनी गाड़ी से ईलाज को ले आये जो प्रार्थिया रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।।

मृतिका द्वारा अपने मरणासन्न कथनो में उक्त घटना की पुष्टि की थी,जो तहसीलदार द्वारा लेख किये गये थे। दिनाक 22/05/21 को प्रार्थिया की मृत्यु सर्वोदय अस्पताल जबलपुर में ईलाज के दौरान हो गई।

संपूर्ण विवेचना उपरांत प्रकरण के *विवेचक उपनिरीक्षक विकास सिंह चौहान*  तत्कालीन थाना प्रभारी नोहटा द्वारा अभियोग पत्र माननीय न्यायालय पेश किया गया।

न्यायालय में अधिकांश साक्षीगण द्वारा घटना का समर्थन नहीं किया गया  क्योंकि आरोपी मृतिका का पति एवं परिवार वाले थे तथा साक्षी मृतिका की लड़की एवं अन्य परिजन थे किंतु मृतिका के मृत्युकालीन कथन एवं गुणवत्ता पूर्ण अनुसंधान तथा न्यायालय में आई साक्ष्य और अभियोजन द्वारा प्रस्तुत तर्कों  के आधार पर आरोपीगण को धारा 302/34 भादवि में *आजीवन-आजीवन कारावास व कुल 1000-1000 रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।*

अभियोजन की ओर से पैरवी *प्रभारी जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री कैलाश चंद पटैल* के द्वारा की गई ।

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