जब आप की आंख खुलेगी, जब आप जागोगे तब तक जिन धर्म का पताका थामे एक सच्चा संत हमेशा के लिये सो चुका होगा और आप विश्वास नही कर पायेंगेअर्द्ध रात्रि की काली निशा में डूब गया “जिन सूर्य” अनाथ हो गया आज जन जन..वो दृश्य जो हम कभी देखना तो छोड़ो कभी सोचते भी न थे…लिखते हुये भी हाथ कांप रहे, है..आँखे धार बहा रही है,दिल ये सत्य स्वीकार ने को तैयार नही…
समाधि सूचना
इस घरती के चलते फिरते भगवान हमारे माता पिता पिच्छी प्रदाता
संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की रात्री 2: 30 बजे चंद्रागिरी तीर्थ डोंगरगढ़ में समाधि हुई |
विन्रम विनयाँजलि
संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज कीरात्री 2: 30 बजे चंद्रागिरी तीर्थ डोंगरगढ़(छ.ग.) में समाधि हुई

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