दमोह जैन समाज ने दी गुरुदेव को अद्भुत विनयांजलि…

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हजारों गुरु भक्तों ने अपने जीवन में कोई ना कोई नियम धारण किया..

दमोह – दिगंबर सरोवर के राजहंस परम् तपस्वी आचार्य श्रोमणी विद्यासागर जी महाराज को दमोह में ही नहीं पूरे देश में ही नहीं वल्कि पूरे विश्व में 25 फ़रवरी दोपहर 1बजे से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विनयांजलि सभा का आयोजन किया गया है इसी क्रम में आज दमोह नगर में भी जैन मिलन नगर प्रमुख शाखा दमोह द्वारा श्री दिगंबर जैन पंचायत के निर्देशन पर परम् पूज्य गणनी आर्यिका विभाश्री माताजी सासंघ एवं वीर नंदनी माता के सानिध्य में विनयांजलि सभा का आयोजन किया गया था जिसमें जैन समाज के सभी संगठन समस्त पाठशाला एवं महिला मंडलों के साथ जैन मिलन परिवार की सभी शाखाओं की उपस्थिति रही। विनयांजलि सभा को संबोधित करते हुए दिगंबर जैन पंचायत दमोह के अध्यक्ष सुधीर सिंघई ने कहा कि निश्चित ही यह पूरे देश में अद्भुत और सच्ची श्रद्धांजलि है जो आज हम सभी गुरु भक्त दमोह में दे रहे हैं निश्चित ही जिस गुरु को हम जैन ही नहीं अन्य सभी भी त्याग का प्रतिरूप मानते थे उन गुरु को विनयांजलि के रुप में सभी परिग्रह को परिमाण ब्रत के रूप में धारण कर परिग्रह की सीमा निश्चित कर रहे हैं और यही त्याग का जब हम जीवन भर पालन करेंगे तो अपने गुरु को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

ऐडवोकेट दीपक श्रीवास्तव ने कहा कि आचार्य भगवन् विद्यासागर जी महाराज केवल जैनियों के ही नहीं अपितु संपूर्ण ब्रह्मांड के देवता थे उन्होंने कहा कि कुंडलपुर महोत्सव के समय हम अपने दोस्तों के साथ प्रतिदिन कुंडलपुर प्रवचन सुनने जाया करते थे और आचार्य भगवन् का निकट से दर्शन हो जाये इसलिए वापसी के मार्ग पर लाईन लगाकर खड़े हो जाते थे और मैं सौभाग्यशाली हूं कि आचार्य भगवन् का अपने घर के द्वारा पर भी दर्शन प्राप्त किया है

विनयांजली सभा को संबोधित करते हुए जैन मिलन के क्षेत्रीय संयोजक संजू शाकाहारी ने कहा कि आचार्य भगवन् एक अद्भुत साधक थे उन्होंने केवल धर्म की नहीं अपितु समाज के हर वर्ग के उद्धार के लिए कार्य किया है हजारों वर्षों तक जिन मंदिरों के दर्शन हो सकें इसलिए ऊंचे-ऊंचे जिनालयों का निर्माण किया तो पशुओं के प्रति करुणा से प्रेरित होकर हजारों गौशालाओं का निर्माण की प्रेरणा दी वहीं अहिंसक जीविका के लिए हथकरघा के माध्यम से हजारों जीवों को रोजगार उपलब्ध कराये वहां कैदियों के प्रति करुणा भाव से की कैद से मुक्त होकर वह आजीविका कैसे चलायेंगे इसलिए जेल में हथकरघा लगवाए शुद्ध दवा उपलब्ध हो देश की प्राचीन दवा पद्धति आयुर्वेद को संरक्षित करने के लिए पूर्ण आयु को प्रारंभ किया वहीं जटिल वीमारी पर तुरंत इलाज हो सके इसलिए भाग्योदय चिकित्सालय की स्थापना करवाई वहीं शिक्षा स्तर को सुधारने के लिए एवं संस्कार मूलक शिक्षा प्राप्त हो इसलिए प्रतिभा स्थली का निर्माण कराया भारत सरकार की नवीन शिक्षा नीति को उन्होंने निर्देशन दिया सर्वप्रथम इंडिया नहीं भारत वोलो का प्रवर्तन किया ऐसे महामुनि जिन्होंने कभी भी किसी का विरोध नहीं किया उनके वारे में बोलने के लिए कितना भी बोलें वह सूर्य को दीपक दिखाने जैसा है मैं उनके चरणों में जैन मिलन परिवार की तरफ से श्रद्धांजलि समर्पित करता हूं

श्रद्धाजली देने वालों में पदम जैन, डाक्टर अनिल चौधरी, अनुभव गौतम, सुधीर पांडे, संदीप खरे, राकेश पटेल, वीरेंद्र असाटी अनिमेष सिंघई सावन सिंघई सुधीर जैन डब्लू सहित अनेक गुरुभक्तों ने श्रद्धांजलि समर्पित की इस अवसर पर आर्यिका रत्न विशिष्ट श्री माताजी ने कहा कि प्रारंभिक जीवन में ब्रह्मचर्य व्रत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से लिया वह एक अपराजेय साधक थे उन्होंने ने परम् समाधि को प्राप्त किया है आगम में जिस पंडित पंडित मरण का उल्लेख किया है वह उन्होंने प्राप्त किया है ऊं की ध्वनि के साथ यह अद्भुत समाधि युग युग तक साधकों को प्रेरणा प्रदान करेगी माता जी ने पथरिया पंचकल्याणक महोत्सव में आचार्य भगवन् विद्यासागर जी महाराज और गणाचार्य विराग सागर जी महाराज के मिलन एवं साथ बिताए हुए आठ दिन का वृतांत सुनाते हुए आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को अद्भुत वात्सल्य का प्रतीक बताया।

कार्यक्रम का संचालन प्रदीप जैन ने किया इस अवसर पर जैन मिलन नगर प्रमुख शाखा दमोह, आदर्श जैन मिलन, महिला जैन मिलन,नेमीनगर महिला जैन मिलन, वसुंधरा जैन मिलन, जैन मिलन बरिष्ठ शाखा, महिला जैन मिलन कांच मंदिर, टंडन बगीचा जैन मिलन,जबलपुर नाका जैन मिलन, पलंदी मंदिर महिला मंडल नवकार महिला मंडल, सुधा कलश महिला मंडल, सिंघई मंदिर महिला समिति, सहित सभी मंदिर के पदाधिकारियों ऐवं जैन पंचायत के पदाधिकारियों के साथ समाज जन की उपस्थिति रही।

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