मुनि श्री प्रभात सागर जी महाराज एवं मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज के संघ का दमोह में हुआ महामिलन
दमोह। आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम शिष्य मुनि श्री प्रभात सागर जी महाराज एवं मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज के संघ का दमोह में महामिलन हुआ। इसके पूर्व परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज संघ सहित वाषा तारखेडा से प्रातः काल पदयात्रा करते हुए दमोह नगर में पहुंचे जहां घंटाघर के समीप दमोह में विराजमान मुनि श्री प्रभात सागर जी महाराज संघ सहित जैन धर्मशाला से घंटाघर तक पहुंचे जहां पर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्यों का महा मिलन हुआ मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज ने अपने संघ सहित अपने से बड़े मुनि श्री प्रभात सागर जी महाराज को विनयपूर्वक नमन किया एवं प्रदक्षिणा देकर मुनि श्री की मंगल वंदना की उपस्थित श्रद्धालुओं ने बड़े बाबा एवं छोटे बाबा के जयकारों से पूरा वातावरण गूंजयामान कर दिया इसके पश्चात सभी मुनिराज संघ सहित नन्हे मंदिर पहुंचे जहां दर्शन उपरांत जैन धर्मशाला में मंगल प्रवचन के पूर्व आचार्य श्री की मंगल पूजन महिला मंडल के द्वारा की गई मुनि संघ को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य जैन पंचायत के उपाध्यक्ष मीनू जैन के परिवार एवं महेश दिगंबर तथा सुभाष जैन के परिवार को प्राप्त हुआ। मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा की आज अहिंसा व्रत का पालन तो हो रहा है किंतु उसमें से दया गायब होती जा रही है धर्म की क्रियोका पालन सिर्फ समाज की लोक लाज व दिखावे के लिए रह गया है धर्म हमें अपनी खुशी के लिए करना चाहिए संघ में बड़े-बड़े धनपति लाडले अपनी धन संपत्ति को छोड़कर मुनि मार्ग पर चलकर अपनी खुशी के लिए कठिन तप कर रहें। संसार में अनंत भोग है जिन्हें मनुष्य भोग नहीं सकता किंतु भोग और इच्छाओं का त्याग कर देव शास्त्र गुरु की शरण में जाकर सिद्धद्यालय जा सकता मुनि श्री प्रभात सागर जी महाराज ने कहा कि अष्टानिका महापर्व में सिद्धों की आराधना बहुत सौभाग्य से प्राप्त होती इसमें मुनि संघ का मंगल सानिध्य सोने पर सुहागा की तरह होता है सौभाग्य शाली व्यक्ति इसका लाभ ले लेते।
विद्यासागर त्यागी व्रती भोजनालय से यात्रियों को मिली सुविधा- ज्ञात हो कि दमोह नगर में जैन समाज की आचार्य विद्यासागर त्यागी व्रती भोजनशाला समिति द्वारा पिछले कुछ वर्षों से समाज के यात्रियों को शुद्ध शाकाहारी भोजन उपलब्ध कराने का कार्य कर रही है। और अब एक नई पहल भी चालू कर दी गयी है जिसमे बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए तो भोजनशाला में भोजन उपलब्ध होगा ही वहीं इस रूट से ट्रेन या बस द्वारा यात्रा करने वाले यात्रियों को शुद्ध भोजन उनके पास तक पहुंचाने का कार्य भी समिति द्वारा किया जा रहा है। इसी क्रम में आज जब शिखर जी की तीर्थ यात्रा पर जा रहे हैं बीना के सौरव जैन परिवार के निवेदन पर दमोह की विद्यासागर त्यागी वृप्ति भोजनशाला समिति की ओर से शिप्रा एक्सप्रेस में चार लोगों के लिए शुद्ध भोजन उपलब्ध कराया गया। भोजन शाला समिति के अध्यक्ष रूपचंद जैन पूर्व सीईओ ने बताया कि समिति का उद्देश्य जैन व्यक्तियों को हर परिस्थिति में शुद्ध भोजन उपलब्ध कराना है ताकि शुद्ध भोजन के प्रति लोगों का लगाव कायम रहे क्योंकि जैन धर्म का आधार शुद्ध भोजन एवं शाकाहारी है हवाई यात्रा में भी जैन फूड के नाम से बिना प्याज लहसुन का शुद्ध भोजन प्राप्त होता है भोजन शाला समिति का प्रयास है कि हम अपनी संस्कृति और परंपराओं व खानपान की शाकाहार शैली बरकरार रख सके यही हमारा प्रयास है मीडिया प्रभारी सुनील वेजीटेरियन ने बताया कि 2 घंटे पूर्व सूचना मिलने पर भोजन शाला समिति के द्वारा शुद्ध भोजन उपलब्ध कराने के लिए समिति संकल्पित है। जिससे यँहा से यात्रा करने वाले जैन यात्रियों को शुद्ध भोजन मिल सके।
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