जिले में अक्षय तृतीया एक दिन पूर्व 6 और अक्षय तृतीय के दिन रोके गये 7 बाल विवाह
दमोह 11 माई 2024
दमोह : कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर द्वारा दिये गये निर्देशानुसार जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग जिला दमोह जे.एस. वर्मा के मार्गदर्शन में अक्षय तृतीय एवं इसके पूर्व कुल 13 बाल विवाह रोके गये। बाल विवाह रोकथाम हेतु महिला बाल विकास विभाग एवं पुलिस विभाग एस.जे.पी.यू. की संयुक्त सक्रियता से जिले के एवं समस्त चिह्नित स्थान जहाँ पर अक्षय तृतीय के दिन सामूहिक बाल विवाह होते है, वहां पर जिले की समस्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, पर्यवेक्षकों को मुस्तेदी के लिये सुबह से ही दलों के रूप में तैनात किया गया था। साथ ही जिला स्तर से 4 टीमों का गठन किया गया था ताकि दलों की मॉनिटरिंग की जा सके एवं जहाँ आवश्यकता है तत्काल पंहुचा जा सके। इसके परिणाम स्वरूप अक्षय तृतीय के दिन देर रात तक की कार्यवाही में 07 बाल विवाह रोके गए।
ज्ञातव्य है कि इसके एक दिन पूर्व भी सयुक्त दल द्वारा 6 बाल विवाह रोके गये थे। इन दो दिनों में कुल 17 शिकायतें प्राप्त हुई जिनमें से 4 शिकायतें गलत पाई गई एवं 13 शिकायतें सही पाई गई, जिनके बाल विवाह रोके गये। विकासखंड वार रोके गये बाल विवाह में पथरिया के 2, बटियागढ़ के 1, दमोह के 5, तेंदुखेड़ा के 03, जबेरा के 01 एवं हटा का 01 ग्राम शामिल थे। इस हेतु बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 अंतर्गत कार्यवाही की गई।
ज्ञातव्य है कि अक्षय तृतीय के पूर्व संचालनालय महिला एवं बाल विकास विभाग एवं कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर के विशेष निर्देश के पालन में जिला एवं प्रत्येक विकासखंड स्तर पर बाल विवाह रोकथाम हेतु विशेष दल गठित किये गए थे, जिनके द्वारा बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर त्वरित रूप से विशेष दल सम्बंधित परिवारों से मिलकर उन्हें समझाइस दी गई तथा साक्ष्य एकत्रित कर उन्हें बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम अनुसार जिसमे बालिका की उम्र 18 वर्ष एवं 21 से पहले लड़के की शादी करना अजमानतीय अपराध है जिसमे 2 वर्ष की सजा या 1 लाख का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है के बारे में विस्तार से बतलाते हुए बाल विवाह से होने वाले दुष्परिणामों जिसमे विवाह उपरांत मातृत्व मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर, उसके बाद होने वाला कुपोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बारे में विस्तृत रूप से सम्बंधित परिवार एवं समाज के लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त कलेक्टर श्री कोचर द्वारा विभाग को निर्देश दिए गये की बाल विवाह जैसी कुरीति को रोकने के लिए हमेशा तैयार रहे। लोगों में जागरूकता लायें और यदि नहीं मानते तो कानून के अनुसार सख्त कार्यवाही की जाएं।
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