उठोगे तो आंखे खुलने से पहले
आपके सामने एक और सूरज अस्त हो जायेगा..
एक सूरज के अस्त होने का वह घाव पूरा नहीं हुआ कि जिनशासन का दूसरा सूरज भी अस्त हो गया।
हस्ते मुस्कुराते हुए ऐसे आप चले जाओगे
हमे इस कदर आप छोड़ कर सारा संसार सुना कर जाओगे
एक पल के लिए लोगो को आपने खुशियां दी
और चतुर्दशी के दिन रात्रि 2.30 बजे आप सारे संसार को अनाथ कर जाओगे।
कहां गए आप बिना बताए
जहां भी गए वापस आओ
हम कैसे रहेंगे आपके बिना
कोन मोक्ष का मार्ग दिखायेगा
कोन हमारे जीवन का कल्याण करेगा।
वापस आजाओ आचार्य श्री
प. पू. राष्ट्रसंत, भारत गौरव, गणाचार्य, बुन्देलखण्ड के प्रथमाचार्य, युग प्रतिक्रमण प्रवर्तक, उपसर्ग विजेता, महासंघगणनायक, आचार्य भगवन श्री विराग सागरजी महामुनिराज की
महा समाधि
आज 4 जुलाई 2024 गुरुवार (चतुर्दशी) प्रातः 2:30 बजे जालना महाराष्ट्र के नजदीक देवमूर्ति ग्राम, सिंदखेड़ा, राजा रोड़ पर हुई।
ऐसे संतो भगवंतो के चरणों में नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु
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