दमोह : जगन्नाथ के भात को जगत पसारे हाथ…, दमोह में भी रथयात्रा आज
पुजारी पंडित नर्मदा प्रसाद गर्ग जी ने बतलाया कि
152 साल प्राचीन मंदिर जगदीश स्वामी पुराना थाना दमोह से आज शाम 5 बजे निकलेंगे प्रभु जगदीश
आप ओडीसा की जगन्नाथपुरी नहीं जा सकते हैं, तो दमोह जगदीश मंदिर आएं। शहर के पुराना थाना स्थित जगन्नाथ मंदिर से रथ पर सवार होकर जगत के पालनहार दीनदयाल भगवान जगन्नाथ स्वामी अपने बड़े भाई बलदाऊ और बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण पर निकलते हैं। नगर भ्रमण करने के दौरान रथ पर सवार जगन्नाथ के दर्शन करके भक्त निहाल हो जाते हैं। यहां भी ओडीसा की जगन्नाथपुरी सा उत्साह देखने मिलेगा।
जगदीश ने अन्नय भक्त माधव का रोग स्वयं ले लिया
कहते हैं भक्त के वश में होते हैं भगवान, भक्त के सुख में प्रसन्न और कष्ट में दुखी। ऐसा ही कुछ हुआ था दुनिया के पालनहार श्री जगन्नाथ के अनन्य भक्त माधव के साथ। दंत कथा के अनुसार एक बार माधव बीमार हो गए, उन्हें बड़ी चिंता हुई कि भगवान की पूजा और भोग कौन लगाएगा? यह जगदीश से नहीं देखा गया। उन्होंने माधव का रोग स्वयं ले लिया। एक पखवाड़ा बीमार होने के बाद स्वस्थ होने के बाद भक्तों को दर्शन देने के लिए श्री जगन्नाथ स्वामी अपने बड़े भाई बलदाऊ और बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण पर निकलेगे।
1872 में पुराना थाना स्थित जगदीश मंदिर स्थापना की गई थी। यहां भगवान जगन्नाथ स्वामी, बहन सुभद्रा और भाई बलराम की प्रतिमाएं हैं। मंदिर से लगभग 152 साल से रथ यात्रा निकाली जा रही है। से 1872 से रथ यात्रा आज भी निकाली जाती है। यहां समाज के लोग भक्तिभाव के साथ भगवान का रथ खींचते हैं। इसमें लोग परिवार सहित शामिल होते हैं। प्यासी मंदिर ट्रस्ट कमेटी एवं पुराना थाना जगन्नाथ स्वामी रथ समिति ने आप सभी से आज शाम 5 रथ यात्रा में शामिल होने की अपील की है।।
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