देश,धर्म,संस्कृति की रक्षा ही रक्षाबंधन-मुनिश्री प्रबोध सागर
21 हजार श्रीफल चढ़ाए गए..
पथरिया-नगर में चल रहे रक्षा बंधन के त्रिदिवसीय विशेष आयोजन के अंतिम दिन श्रद्धालुओं द्वारा तीन दिन में 21 हजार श्रीफल चढ़ाकर एक नया कीर्तिमान रच दिया इस अवसर पर मुनिश्री प्रबोधसागर जी ने धर्म सभा में मंगल देशना देते हुए कहा कि जिस प्रकार राजा श्रेयांस ने बिष्णु कुमार आदि मुनिराजों की उपसर्ग से रक्षा की थी उसी प्रकार आज हमें भी अपने देश धर्म संस्कृति की रक्षा करनी चाहिए
आज के इस पश्चिम सभ्यता की होड़ में हम अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं जबकि परमपूज्य आचार्य भगवन विद्यासागर जी ने कहा है इंडिया नही भारत बोलो लेकिन हम अपनी संस्कृति के साथ साथ अपने देश एवम धर्म को खतरे में डाल रहे हैं
इसी क्रम में मुनिश्री अचलसागर जी ने कहा कि आज का युवा भटकाव की ओर जा रहा है सभी का कर्तव्य है कि इस युवा पीढी को संस्कृति एवम धर्म से जोड़कर एक मजबूत देश और समाज की नींव रखें वरना आने वाले समय में हमें इसके गंभीर परिणाम प्राप्त होंगे
सभी भक्तों द्वारा मुनिश्री शैलसागर जी के अवतरण दिवस पर भक्ति में झूमते हुए भगवान की पूजन की एवम विधान किया कार्यक्रम में नगर के साथ साथ आसपास के जगह से हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे कार्यक्रम के बाद सभी को मिष्ठान्न वितरण किया गया
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