धारा 4,5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम का आरोपी हुआ बरी..मनुष्य पाप का फल नहीं चाहता किंतु पाप कार्यों में संलग्न रहता है- मुनिश्री प्रयोग सागर जी..हिरदेपुर स्कूल में प्लास्टिक एवं पालीथीन उन्मूलन कार्यक्रम संपन्न..

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धारा 4,5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम का आरोपी हुआ बरी
दमोह
। दिनांक 18.11.2024 को न्यायालय श्रीमान अपर सत्र न्यायाधीश महोदय दमोह के न्यायालय ने अपराध क्रं.31/22 एवं एस.टी. नं.140/22 में आरोपी सनी उर्फ सत्यम उपाध्याय को दोषमुक्त कर बरी किया है। उक्त 4,5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम में 10 साल तक के कारावास की सजा का प्रावधान है परंतु आरोपी बरी हो गया है। केस जीतने वाले अधिवक्ता शेख जहूर बाबा वकील है जिन्होनें सनी उर्फ सत्यम उपाध्याय की तरफ से पैरवी की है।

मनुष्य पाप का फल नहीं चाहता किंतु पाप कार्यों में संलग्न रहता है- मुनिश्री प्रयोग सागर जी..
दमोह।
 यह जीव पुण्य का फल चाहता है किंतु पुण्य का कार्य नहीं करना चाहता मनुष्य पाप का फल नहीं चाहता किंतु निरंतर पाप कार्यों में संलग्न रहता है देव शास्त्र गुरु धर्म के साधन है जिनकी आराधना करके अपार पुण्य  अर्जित किया जा सकता है जिन प्रभु की हम आराधना करते हैं वे कैसे बनते हैं भगवान बनने की इस प्रक्रिया को पंचकल्याणक कहा जाता है।

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इसको देखने का सौभाग्य सौभाग्य शिव नगर वाले के माध्यम से हम सभी को पंचकल्याणक मैं देखने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है पुण्य उपार्जन का यह निमित्त 3 दिसंबर से 9 दिसंबर तक हम सभी को प्राप्त होने जा रहा है गुरु आज्ञा का यह अंतिम आदेश हम सभी को शिरोधार है आचार्य श्री ने निर्यापक मुनि श्री अभय सागर जी को यह अंतिम आदेश प्रदान किया था उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य को अपने जीवन में चार बातें सदैव याद रखना चाहिए पाप के समय निर्मल हो जाना चाहिए पाप करते समय निर्बल हो जाना चाहिए और धर्म करते समय बलवान हो जाना चाहिए वैभव के समय विनम्र बनना चाहिए किंतु वैभव के साथ विनम्रता आना कठिन होता है दुख और प्रतिकूलता के समय धैर्य रखना चाहिए जब मन बहुत आकुलऔर व्याकुल होता है उस समय महापुरुषों का चरित्र पढ़ना चाहिए महापुरुषों का जीवन कैसा होता है इसे पंचकल्याणक महोत्सव में देखने का हमें सौभाग्य प्राप्त होता है मनुष्य को साधना एकांत में और धर्म की प्रभावना समूह में करनी चाहिए। उपरोक्त विचार मुनि श्री प्रयोग सागर जी महाराज ने नन्हे मंदिर जैन धर्मशाला में प्रातः कालीन अपने मंगल प्रवचनों में अभिव्यक्त किय इसके पूर्व मुनि श्री निरीह सागर जी महाराज ने आचार्य श्री के अंतिम समय का वृतांत सुनाते हुए अपने अनुभवों को बताया उन्होंने कहा कि संतो के समक्ष सदैव सीधा श्रीफल  चढ़ाना चाहिए उल्टे श्रीफल से विपरीत असर पड़ता है विवेक के साथ क्रिया करनी चाहिए।

हिरदेपुर स्कूल में प्लास्टिक एवं पालीथीन उन्मूलन कार्यक्रम संपन्न
दमोह। 
प्लास्टिक एवं पालीथीन वर्तमान युग के सबसे बड़े दुश्मन है। जिन्होंने पूरे विश्व में पर्यावरण संकट उत्पन्न कर दिया है। उपरोक्त आशय के विचार स्थानीय शासकीय हाई स्कूल हिरदेपुर के प्राचार्य पारस कुमार जैन ने प्लास्टिक एवं पालीथीन उन्मूलन जागरूकता कार्यक्रम में अध्यक्ष की आसंदी से व्यक्त किए। जिले के प्रमुख पर्यावरणीय संगठन प्रयास पर्यावरण संस्था के तत्वाधान में विधालय में प्लास्टिक एवं पालीथीन उन्मूलन अभियान के अन्तर्गत बच्चों के बीच एक प्रश्न मंच प्रतियोगिता रखी गई, जिसमें बच्चों से ज्ञानवर्द्धक प्रश्न पूछकर दस बच्चों को पुरूस्कृत किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि यू.सी. जैन भारतीय जीवन बीमा निगम थे।

उपरोक्त अवसर पर विधायक के बच्चों ने मिनरल वाटर की खाली बोतलों में अपने घरों में इकट्ठी की गई पालीथीन को भरा और पालीथीन का कचरा फैलने से रोकने में सक्रिय भूमिका अदा की। वे पालीथीन से भरी बोतलों को स्कूल लाये। प्रयास ने ड्रा के माध्यम से 6 पालीथीन संग्रहकर्ता बच्चों को पुरूस्कृत किया। कार्यक्रम में प्रभारी प्रधान अध्यापक माधोसिंह ठाकुर, शिक्षक श्रीमति मानु गुप्ता, श्रीमति मिश्रा, श्रीमति सुषमा साहू, श्री पटैल एवं श्री तिवारी सर ने सक्रिय सहयोग दिया। कार्यक्रम का संयोजन प्रयास के संगठन डा. एल. सी. जैन एवं कोषाध्यक्ष संतोष जैन ने किया।  

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