परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य संयम की नितांत आवश्यकता – किशोरी वैष्णवी गर्ग

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भागवत कथा के तृतीय दिवस सती चरित्र का रोचक प्रसंग
परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य संयम की नितांत आवश्यकता – किशोरी वैष्णवी गर्ग

हिंडोरिया –दमोह कथा व्यास किशोरी वैष्णवी गर्ग जी के मुखारविंद से मेंहलबार माता बरेजा प्रांगण चौरसिया समाज हिंडोरिया में आयोजित
श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कथा सुनाते हुए कथा व्यास किशोरी वैष्णवी गर्ग जी ने बताया कि किसी भी स्थान पर बिना निमंत्रण जाने से पहले इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि जहां आप जा रहे है वहां आपका, अपने इष्ट या अपने गुरु का अपमान न हो।
कथा वाचक किशोरी वैष्णवी गर्ग जी ने कहा कि यदि अपने गुरू,इष्ट के अपमान होने की
आशंका हो तो उस स्थान पर जाना नहीं चाहिए। चाहे वह स्थान अपने जन्म दाता पिता का ही घर क्यों न हो। प्रसंगवश भागवत कथा के दौरान सती चरित्र के प्रसंग को सुनाते हुए भगवान शिव की बात को नहीं मानने पर सती के पिता के घर जाने से अपमानित होने के कारण स्वयं को अग्नि में स्वाह होना पड़ा था। भागवत कथा में उत्तानपाद के वंश में ध्रुव चरित्र की कथा को सुनाते हुए बाल व्यास जी ने समझाया कि ध्रुव की सौतेली मां सुरुचि के द्वारा अपमानित होने पर भी उसकी मां सुनीति ने धैर्य नहीं खोया जिससे एक बहुत बड़ा संकट टल गया। परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य संयम की नितांत आवश्यकता रहती है। भक्त ध्रुव द्वारा तपस्या कर श्रीहरि को प्रसन्न करने की कथा को सुनाते हुए बताया कि भक्ति के लिए कोई उम्र बाधा नहीं है। भक्ति को बचपन में ही करने की प्रेरणा देनी चाहिए क्योंकि बचपन कच्चे मिट्टी की तरह होता है उसे जैसा चाहे वैसा पात्र बनाया जा सकता है। बलराम जी महाराज ने कहा कि व्यक्ति अपने जीवन में जिस प्रकार के कर्म करता है उसी के अनुरूप उसे मृत्यु मिलती है। भगवान ध्रुव के सत्कमोर् की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ध्रुव की साधना,उनके सत्कर्म तथा ईश्वर के प्रति अटूट श्रद्धा के परिणाम स्वरूप ही उन्हें वैकुंठ लोक प्राप्त हुआ। कथा के दौरान किशोरी जी ने बताया कि संसार में जब-जब पाप बढ़ता है, भगवान धरती पर किसी न किसी रूप में अवतरित होते हैं। उन्होंने कहा कि कलयुग में भी मनुष्य सतयुग में भगवान कृष्ण के सिखाए मार्ग का अनुसरण करे तो मनुष्य का जीवन सफल हो सकता है। कथा के दौरान उन्होंने बताया कि पाप के बाद कोई व्यक्ति नरकगामी हो, इसके लिए श्रीमद् भागवत में श्रेष्ठ उपाय प्रायश्चित बताया है। किशोरी जी ने बताया कि भागवत कथा की सभी व्यवस्थाएं नगर के द्वारा सामूहिक रूप से की जा रही है। भागवत पुराण पर दिए जा रहे प्रवचनों को सुनने के प्रति जनता में अपूर्व उत्साह देखने को मिल रहा है। भागवत कथा के तीसरे दिन ध्रुव चरित्र अजामिल एवं प्रहलाद चरित्र के विस्तार पूर्वक वर्णन के साथ संगीतमय प्रवचन दिए आज बुधवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा
मुख्य यजमान – मुख्य यजमान समस्त चौरसिया समाज एवं सभी नगर बासी हिंडोरिया ने कथा श्रवण करने की अपील की है।।

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