गांव की बेटी बिना कोचिंग के बनी शिक्षा सहायक संचालक..

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दमोह शहर में ही कोचिंग कर पीएससी परीक्षा में सफल हुई स्वाति दुबे..
 

पहली पद स्थापना होगी शिक्षा सहायक संचालक..


  दमोह- पीएससी व यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए विद्यार्थी इंदौर, दिल्ली कोचिंग करने जाते हैं। वहीं कुछ ऐसे मेधावी विद्यार्थी हैं जो दमोह में ही पढक़र पीएससी परीक्षा में सफल हो रहे हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है, ग्राम आमचौपरा निवासी स्वाति दुबे ने, जिन्होंने पहली बार मेंन्स परीक्षा निकालकर शिक्षा सहायक संचालक के पद के लिए नियुक्ति पाई है। ट्रेनिंग के बाद यह सीधे जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर पदोन्नत होंगी।

ग्राम आमचौपरा के किराना व्यवसायी धर्मेंद्र दुबे की तीन संतानें हैं, जिनमें दो बेटियां व एक बेटा है। उन्होंने अपनी बेटियों के लिए उच्च शिक्षा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। बड़ी बेटी स्वाति दुबे बचपन से ही मेधावी छात्रा थी। उसने रसायन विषय से स्नातक उत्तीर्ण करने के बाद पीएससी की तैयारी दमोह में घर पर ही रहकर की। पीएससी की प्री दो बार परीक्षा दी। मेंन्स परीक्षा में पहले प्रयास में ही सफल हो गईं। इनका चयन 2022 पीएससी परीक्षा के तहत हुआ है। जिसमें इन्हें शिक्षा सहायक संचालक पद पर नियुक्ति दी जाएगी। ट्रेनिंग व परीक्षावधि के बाद इन्हें सीधे जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर पदस्थ किया जाएगा। इनकी छोटी बहन स्वेता दुबे एलएलबी में अध्ययनरत हैं और भाई सुयांश दुबे बीए कर रहा है। इनकी माता हेमलता दुबे गृहणी हैं। पिता धर्मेंद्र दुबे का कहना है कि स्वाति बचपन से होनहार थी, उसने घर पर रहकर ही पीएससी परीक्षा की तैयारी की और सफल हुई है। जिसने मेरे परिवार का मान बढ़ाया है। स्वाति के चयन पर उसके इष्ट मित्रों, परिजनों व ग्राम आमचौपरा के निवासियों ने शुभकमानाएं दी हैं। 

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