जन-जन तक यह संदेश पहुंचाना है
नशे को हाथ भी नहीं लगाना है
दमोह : शासकीय कमला नेहरू महिला महाविद्यालय दमोह में भारत के स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की स्मृति में 2 मिनट का मौन धारण किया गया। इसके पश्चात मद्य निषेध संकल्प दिवस के अवसर पर महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. रेखा जैन द्वारा नशा मुक्ति की शपथ दिलाई गई। साथ ही छात्राओं एवं महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्यों के द्वारा मानव श्रृंखला बनाई गईl
महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. एन.पी .नायक ने नशे से दूर रहने का आह्वान किया। संयोजक डॉ. अवधेश जैन ने कहा नशे की गिरफ्त से बचने के लिए सभी को नशा मुक्ति का प्रयास करना चाहिए।
इस अवसर पर महाविद्यालय में निबंध प्रतियोगिता में प्रथम दीपिका तोमर, जागृति लोधी द्वितीय, मेघा रजक तृतीय पोस्टर प्रतियोगिता में देवांश सेन प्रथम, सना अहिरवार द्वितीय सपना अहिरवार तृतीय एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता में अन्वेशा मेहता प्रथम, हरि बाई लोधी, द्वितीय माही राजपूत तृतीय स्थान पर रही।
मौके पर महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्य एवं छात्राओं की उपस्थिति रही।
दमोह में टीबी उन्मूलन के लिए 100 दिवसीय अभियान, 1.67 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग, 352 नए मरीजों की पहचान..
दमोह। दमोह जिले में टीबी उन्मूलन के लिए 100 दिवसीय नि-क्षय अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत 1.67 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की गई है, जिनमें से 352 नए मरीजों की पहचान की गई है। इन सभी मरीजों का उपचार किया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुकेश जैन ने बताया कि दमोह जिला देश के उन 347 जिलों में शामिल है जो टीबी से सर्वाधिक प्रभावित हैं। टीबी को खत्म करने के लिए 100 दिवसीय नि-क्षय अभियान 7 दिसंबर से चलाया जा रहा है। टीबी मुक्त भारत के तहत टीबी रोग के समूल नाश के लिए जोखिम वाले अधिक से अधिक व्यक्तियों की जांच कर उपचार करने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि टीबी की बीमारी को परिवार या समुदाय में फैलने से रोका जा सके और संभावित टीबी बीमारी का प्रारंभिक अवस्था में ही पता लगाकर समुचित उपचार दिया जा सके।
डॉ. जैन ने बताया कि अभी तक 1,67,223 लोगों की स्क्रीनिंग कर टीबी के 352 नए मरीजों की पहचान कर उनका उपचार आरंभ किया गया है। 5176 लोगों का निःशुल्क एक्स-रे किया जा चुका है। 257 निक्षय मित्र बनाए गए हैं। दूरस्थ क्षेत्रों एवं आयुष्मान आरोग्यम् उपस्वास्थ्य केन्द्रों में चिन्हित उच्च जोखिम वाले लोगों में टीबी के लक्षणों की पहचान कर आवश्यकतानुसार हाथ से संचालित मशीन से एक्सरे करने का कार्य भी संचालित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि अभियान के तहत जिले के संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की जाकर चिन्हित 2,66,076 जनसंख्या में टी.बी. के नये मरीज खोजने, शीघ्र उपचार के लिए जनसहयोग से शिविर लगाकर टी.बी. स्क्रीनिंग का कार्य किया जा रहा है। विशेषकर कमजोर व्यक्तियों, ऐसे व्यक्ति जिनके परिवार में पहले से कोई टी.बी. मरीज/डाईबिटीज/ब्लड प्रेशर, लीवर या किडनी संबंधी, धूम्रपान, नशा करने वाले अथवा कोई पुरानी बीमारी का मरीज हो या वे व्यक्ति जो ऐसे कार्य करते है जहां पर धूल इत्यादि काफी उड़ती हो जैसे ईंट-भट्टा, रोड निर्माण में लगे हुए उन सभी लोगों का टी.बी. स्क्रीनिंग कार्य किया जा रहा है।
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