तीन दिन से भूखा प्यासा वृद्ध सो रहा वीवीआईपी बंगला के सामने..

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तीन दिन से भूखा प्यासा वृद्ध सो रहा वीवीआईपी बंगला के सामने
कलेक्टर, जज, मंत्री व जिपं अध्यक्ष के निवास के बाहर रोड पर गुजर रही रातें..

दमोह- केंद्र व राज्य सरकार आदिवासियों के उत्थान के अनेक दावे कर रहे हैं। लेकिन हकीकत में यह दावे खोखले साबित हो रहे हैं। दमोह में जटाशंकर रोड जो वीवीआईपी रोड यानि कलेक्टर, मंत्री, जज व जिला पंचायत अध्यक्ष का निवास है, यहां खुले आसमान के नीचे एक वृद्ध पिछले तीन दिनों से भूखा प्यास सडक़ पर ही सो रहा है। जिसकी सुध लेने कोई भी नहीं आ रहा है।

वासनी गांव निवासी गुलाब पिता सुंदर आदिवासी करीब 70 साल असहाय है, भीख मांग कर गुजारा करता है और खुले आसमान के नीचे जीवन यापन करता है। उसने अपनी गुजर बसर करने के लिए वीवीआईपी रोड का इस्तेमाल किया है। जहां पर कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर, जिला न्यायालय के दो जजों के बंगले, राज्यमंत्री लखन पटेल का आफिस व जिला पंचायत अध्यक्ष रंजीता पटेल का निवास स्थल है। यहां पर खुले आसमान के नीचे रह रहे गुलाब ने बताया कि उसका कोई नहीं है, वह भीख मांगकर गुजारा करता है। पिछले तीन दिन से उसे कहीं से खाना भी नहीं मिला है, जिससे वह भूखा सो रहा है।

वृद्धाश्रम में नहीं मिली जगह..

इस आदिवासी वृद्ध के लिए वृद्धाश्रम में भी जगह नहीं मिली है। इस संदर्भ में उसने बताया कि उसके पास रहने के लिए कहीं जगह नहीं है और कोई भी उसकी मदद करने के लिए तैयार नहीं हो रहा है। यह वृद्ध कुछ मानसिक रूप से कमजोर भी है, जो अपनी व्यथा सुनाते हुए फफक रहा है।

किसी की नजर नहीं जा रही..

पिछले तीन दिनों से खुले आसमान के नीचे रह रहे इस वृद्ध पर किसी की नजर नहीं जा रही है। लोग ऐसे एक ही जगह पर रोज रात गुजारने वाले वृद्ध को शराबी समझकर इग्नोर कर रहे हैं। लेकिन वृद्ध की दुख भरी व्यथा सुनने को कोई तैयार नहीं है। ऐसे वृद्धों पर सामाजिक कल्याण विभाग द्वारा लाखों खर्च किए जाते हैं लेकिन इस राशि का सदुपयोग नहीं हो पाता है।

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