बच्चा चोरी मामले में 50 हजार रुपए का फाइन भी नहीं भरा..
सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां उपलब्ध नहीं करा रही पासबुक..
दमोह- जिला अस्पताल में 2021 से कार्यरत रवि सिक्यूरिटी कंपनी इतनी तानाशाह हो गई है कि उसे माह अगस्त से लगातार नोटिस मिल रहे हैं, लेकिन वह एक भी मामले में जवाब नहीं दे रही है। इतना ही नहीं बच्चा चोरी मामले में इसकी सेवा में कमी मानते हुए 50 हजार का फाइन भरने नोटिस जारी किया था, जिसने अभी तक यह राशि जमा नहीं करी है। जिससे यह कंपनी 80 लाख रुपए भविष्य निधि जमा करेगी इस पर संशय है।
जिला अस्पताल में भाजपा नेताओं द्वारा विभिन्न ठेके लिए गए हैं। इनके द्वारा नियमों की अवहेलना करते हुए यहां कार्यरत कर्मचारियों का खुला शोषण किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यहां पर कार्यरत कर्मचारियों को 5 से 8 हजार रुपए के बीच ही वेतन दिया जाता है। जबकि जिला अस्पताल से प्रति कर्मचारी 15 हजार रुपए से अधिक का भुगतान प्राप्त किया जा रहा है। इन कंपनियों द्वारा प्रत्येक कर्मचारी का 10 से 7 हजार रुपए वेतन डकारा जा रहा है। इतना ही नहीं इनके द्वारा कर्मचारियों की भविष्य निधि का घोटाला भी किया जा रहा है। जिला अस्पताल ने इन कंपनियों से कर्मचारियों की पासबुक तलब की है, जिससे पता चल सके कि इन कर्मचारियों के खातों में कितना वेतन और कितनी भविष्य निधि राशि जमा कराई जा रही है। जिसके लिए अगस्त माह से नोटिस पर नोटिस सिविल सर्जन द्वारा जारी किए जा रहे हैं। लेकिन पूरे मामले कंपनियां राजनीतिक रसूख के कारण सिविल सर्जन के नोटिस को रददी के टोकरी में फेंक रही हैं। यह कंपनियां खुलेआम कर्मचारियों का शोषण कर रही हैं। अस्पताल से बच्चा चोरी हुआ था, इस मामले में रवि सिक्यूरिटी की लापरवाही मानते हुए उसे 50 हजार रुपए का नोटिस जारी किया था, यह राशि भी उक्त कंपनी द्वारा जमा नहीं कराई गई है। इसके कर्ताधर्ता जिला अस्पताल में ढींगे हांकते हैं कि उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं हो सकती हैं और न ही उनकी कंपनी को जिला अस्पताल से बाहर किया जा सकता है क्योंकि हर माह अस्पताल प्रबंधन को बाकायदा वह चढ़ावा चढ़ाते हैं।
सेडमैप के लिए अडंगा
जिला अस्पताल में वर्तमान में कार्यरत सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां कर्मचारियों का अनवरत शोषण करना चाह रही हैं। जिससे वह सेडमैप के हाथों में जा रहे काम के लिए अडंगा डाल रही हैं। अब पेंच यहां फंसा है कि उक्त कंपनियों को यदि बाहर किया जाता है तो यह कंपनियां कर्मचारियों की भविष्य निधि हड़प जाएंगी। जबकि इन कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किया जाना आवश्यक है, यदि यह राशि का भुगतान नहीं करती हैं तो इनके कर्ताधर्ताओं के नाम सार्वजनिक करते हुए इनकी संपत्तियों को जब्त कर राशि का भुगतान कराया जाना आवश्यक है।
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