राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शारीरिक प्रधान एवं गुणवक्ता पूर्ण पथ संचलन कार्यक्रम संपन्न..

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शारीरिक प्रधान एवं गुणवक्ता पूर्ण पथ संचलन कार्यक्रम संपन्न

दमोह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दमोह का शारीरिक कार्यक्रम एवं गुणवत्ता का कार्यक्रम शहर के एक्सीलेंस ग्राउंड में आयोजित किया गया जिसमें मुख्य रूप से मंच पर जागेश्वर ताम्रकार प्रांत शारीरिक शिक्षण प्रमुख, अश्विनी नामदेव जिला संघ चालक, डॉक्टर विक्रांत चौहान नगर संघ चालक एवं समाज के बंधु एवं भगिनी उपस्थित रहे सर्व प्रथम नगर के स्टेडियम ग्राउंड से पथ संचलन निकाला गया जो कि किल्लाई नाका, शिशु मंदिर होते हुए एक्सीलेंस ग्राउंड में आया इसके बाद जिले एवं नगर आए हुए स्वयं सेवकों द्वारा समता, दंड, नियुद्ध, योग, का प्रदर्शन किया गया, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जागेश्वर ताम्रकार द्वारा समाज को संबोधित किया


आज दमोह जिला का शारीरिक प्रधान कार्यक्रम एवं गुणवत्ता पूर्ण संचालन हुआ
जैसा कि हम सब को पता है हम संघ के सौ बे वर्ष में प्रवेश कर चुके है डॉक्टर साब भगीरथ के रूम में गंगा रूपी संघ को हमारे बीच लाए डॉक्टर साहब ने पढ़ाई के लिए कलकत्ता को ही क्यों चुना बहुत सारे लोग प्रश्न करते है कि संघ का क्या योगदान है सबको इतिहास पढ़ना चाहिए कि अभिनव पद्धति का ध्यान किया और संघ की शाखा का निर्माण हुआ समाज कहता था आप 35 साल के डॉक्टर है और आप 14,15 साल के बच्चों के साथ खेल रहे आप क्या करना चाहते है आज जो कार्यक्रम में संचलन हुआ, दंड का प्रयोग हुआ, योग हुआ, नियुद्ध हुआ, आपके मन में विचार आता होगा कि ये स्वयंसेवक कही पुलिस सेना में काम करने वाले है क्या ,ये सब शाखा का विचार है और संघ क्यों कर रहा है देश के लिए समाज के लिए करता है डॉक्टर साहब ने समाज को संगठित करने का कार्य अपने हाथ में लिया विचार आता है कि अमर देश गुलाम क्यों हुआ जो ये अकेले चलने का भाव है हम सब से अकेले चले हमने अपना स्वतंत्र विचार बनाया जो ये अकेले पन की पीड़ा है ये हमारे समाज के लिए घातक है और शाखा हमारा अभिनव तंत्र है और शाखा के माध्यम से कार्यकर्ता निर्माण होते है
एक बार डॉक्टर साहब ने नागपुर में एक कार्यक्रम किया और हजारों कार्यकर्ता आए लेकिन कुछ कारण से डॉक्टर साहब नहीं पहुंच पाए और बहा भगदड़ मच गई जब डॉक्टर साहब लौटे तो एक एक कार्यकर्ता के साथ बैठे की ऐसा क्यों हुआ जो शाखा में समता करते है तो कदम मिलते है और कदम से मन मिलते है हम पत्ती गाते है देश हमे देता है सब कुछ हम भी तो कुछ देना सीखे क्या हम ये विचार अपने जीवन में ला पा रहे ये हम सबको सोचना होगा दत्तोपंत जी कहते थे संघ से प्रशिक्षित कार्यकर्ता अपने जीवन में हर जगह कार्य करेगा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ व्यक्ति निर्माण करता है
समाज संघ के कार्यक्रम को लेकर संतुष्ट हो जाता है जो भी करेगा संघ करेगा लेकिन संघ की भी समाज से अपेक्षा है कि आप भी समाज कल्याण में सहभागी बने संघ हिंदुत्व को ले कर कार्य करता है तो कुछ लोगों को तकलीफ होती है कुछ लोग मतांतर करा रहे है भारत को तोड़ने का काम कर रहे है शताब्दी वर्ष में हम सब स्वयंसेवक संघ की शाखाओ को बढ़ाएंगे, और समाज परिवर्तन का कार्य करेंगे परिवार समाज हमारे सभी लोग इस समाज कार्य में लगे तभी भारत को परम वैभव के शिखर पर जाएगा
और यह सभी धर्म के संरक्षण में करेंगे, साथ में हमे समरसता की भावना के साथ समाज को आगे ले जाना होगा, पर्यावरण का संरक्षण भी समाज को आगे आ कर करना होगा, आज समाज में देखा जा रहा है कि परिवार टूट रहे है उनको एक जुट कर के कुटुंभ को बढ़ाना होगा, हमें अपने जीवन में नागरिक कर्तव्यों का पालन करना होगा, और जीवन में स्वदेशी अपनाना होगा और इस कार्य को करने के लिए हमें आयेय शक्ति चाहिए।

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