शिक्षा से मात्र नौकर नहीं मालिक बनने का प्रयास करें- डॉ मोहन सिंह आदर्श..
दमोह। जनपद शिक्षा केंद्र दमोह के निर्देशानुसार जन शिक्षा केंद्र टोरी में व्यावसायिक शिक्षा अंतर्गत माध्यमिक विद्यालय जोरतला के 200 छात्र-छात्राओं को एक्सपोजर विजिट कराई गई। भ्रमण के अंतर्गत बच्चों ने स्थानीय गाँधी वेयरहाउस में जाकर अनाज भंडारण एवं अनाज की सुरक्षा के विषय में विस्तृत जानकारी प्राप्त की, नोडल अधिकारी राकेश उपाध्याय एवं सत्येंद्र परिहार द्वारा बताया गया की विजिट का मुख्य उद्देश्य बच्चों को शिक्षा के साथ व्यवसाय से जोड़ना है, सहायक नोडल अधिकारी डॉ.मोहन सिंह आदर्श द्वारा बताया गया कि कलेक्टर महोदय, डीपीसी एवं बीआरसी दमोह के निर्देशानुसार जनशिक्षा केंद्र टोरी, माध्यमिक विद्यालय जोरतला के 200 छात्रों की व्यावसायिक शिक्षा अंतर्गत एकस्पोजर विजिट कराई गई जिसमें बच्चों को नौकरी के अलाबा बड़े व्योसायिक बनने हेतु प्रेरित किया गया अनेक बच्चों नें विजिट को एक प्रेरणादायक भ्रमण माना और बच्चों द्वारा बताया गया कि हम भी एक बड़े व्यवसायी बनकर अन्य लोगों को रोजगार देना चाहते हैं। इसी के साथ सभी बच्चों को एकस्पोजर टीम द्वारा विशेष भोज व मिष्ठान वितरण किया गया।
संत शिरोमणि रविदास जयंती पखवाड़े तहत सत्संग सभा का आयोजन..
दमोह। संत शिरोमणि गुरु श्री रविदास जी की 648वी जयंती पखवाड़ा देशभर में विभिन्न आयोजनों के साथ धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में दमोह जिला मुख्यालय पर आम चोपरा ग्राम में सत्संग सभा का आयोजन किया गया।

जिसमें सांसद सहित अनेक गणमान्य जनों ने सहभागिता दर्ज कराई। आम चोपरा सामुदायिक भवन में रविवार को आयोजित श्री रविदास जयंती सत्संग समारोह में सांसद श्री राहुल सिंह मुख्य अतिथि रहे। इस अवसर पर गुरुद्वारा से पधारे ज्ञानी जसपाल सिंग दर्दी ने समधुर भजनों की प्रस्तुति दी। सागर से पधारे प्रबुद्ध गुरु सत्संग सभा के संयोजक श्री हरिराम चौधरी ने रविदास जी की वाणी एवं उनके जीवन पर विस्तार से विचार रखें। कार्यक्रम में समाज के वरिष्ठ जनों में भगवान दास चौधरी, प्यारेलाल भारती, अजाक्स जिलाध्यक्ष मोहन आदर्श, संतू लाल रोहित सहित अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखें। इस अवसर पर जानकीबाई द्वारा भजन तथा बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। बच्चों को पुरस्कार वितरण उपरांत विशाल भंडारे से आयोजन से समापन हुआ। कार्यक्रम में आसाराम चौधरी, बीएल रोहित अशोक अहिरवार इंजीनियर अमित कुमार ओपी राज, राकेश अहिरवार सहित समाज के अनेक प्रबुद्ध जनों की मौजूदगी रही।
धर्म की प्रत्येक क्रिया में भावना का महत्व होता है-मुनि श्री प्रयोग सागर जी
सिध्द चक्र महामंडल विधान में 1024 अर्घ्य चढ़ाए गए..
दमोह। श्री पारसनाथ दिगंबर जैन नन्हें मंदिर धर्मशाला में आयोजित श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान के अंतिम दिन भक्ति भाव के साथ 1024 अर्घ्य समर्पित किए गए। मंगलवार को प्रातः बेला में विश्व शांति महायज्ञ के साथ विधान संपन्न होगा।

सिध्द चक्र महामंडल विधान अवसर पर सोमवार सुबह जैन धर्मशाला में आयोजित धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री प्रयोग सागर जी महाराज जी ने कहा कि धर्म की प्रत्येक क्रिया में भावना का महत्व होता है। भावना अलग है आकांशा अलग है। भावना से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है भावना भावनासनी होती है। भावना कर्म बंध का कारण भी होता है। भावना कौन सी होनी चाहिए विशुद्ध भावना का परिणाम अलग होता है। आचार्य महाराज का तारीख से 18 फरवरी को प्रथम समाधि दिवस है। गुरु को स्मरण करने का कोई विशेष दिन नहीं होता किंतु किसी दिन विशेष से हमारी भावना जुड़ी होती है और उसको अति उत्साह पूर्वक हमें मनाना चाहिए जिससे हमारे भाव में विशुद्धता बड़ैं इसके पूर्व प्रातः बेला में श्री जी की अभिषेक शांति धारा उपरांत विधान के महा पात्रों के साथ इंद्र इंद्राणी जनों ने भक्ति भाव के साथ 1024 अर्घ्य समर्पित किये। मंगलवार को प्रातः मेला में श्री जी के अभिषेक शांति धारा पूजन उपरांत विश्व शांति की भावना से हवन किया जाएगा। जिसमें शामिल होने की अपील श्री महेश बड़कुल पुण्यार्जक परिवार ने सकल जैन समाज से की है।
कली मल घिरे धर्म सब लुप्त भय सब ग्रंथ दम भिन्ननिज मति कल्पकार प्रकट किए बहुपंत- नीलमणि दीक्षित..
दमोह। नरसिंहगढ़ में चल रही श्री रामचरितमानस की संगीत में राम कथा के आठवें दिवस कथा वाचक नीलमणि दीक्षित ने कलयुग के प्रभाव और धर्म के विषय में कथा को आगे बढ़ते हुए कहा की हे भवानी काग भूसंड जी के जब सब संदेहों का नाश हो गया और भगवान के प्रति उनकी पूर्ण निष्ठा जागी तब काग भूसंड जी ने कहा कि है हरी बहन यह कलिकाल बड़ा ही कठिन था इसमें सभी नर नारी पाप प्राण थे सभी लोग मोह के बस हो गए

शुभ कर्मों को लोग ने हड़प लिया अब मैं कलयुग के कुछ धर्म कहता हूं कलयुग में ना वरुण धर्म रहता है और ना चारों आश्रय रहते हैं सभी स्त्री पुरुष वेद के विरोध में लगे रहते हैं ब्रह्म वेद को बेचने वाले और राजा प्रजा को खा डालने वाले होते हैं वेद की आज्ञा को कोई नहीं मानता जिसको जो अच्छा लगे वही मार्ग पकड़ता है जो डींगे मारता है वही पंडित है जो आडंबर रचता है उसी को सभी संत कहते ह जो दूसरों के धन को हड़प लेते हैं वही बुद्धिमान कहलाते हैं और जो आचार्य हैं वेद मार्ग को छोड़कर कुमार्ग अपनाते हैं वही ज्ञानी बैरगमन कहलाते हैं जो भक्षण भक्त खाते हैं वह बैरगवान कहलाते हैं कलयुग में मनुष्य स्त्रियों के वश में होकर बंदरों की तरह नाचत रहता है ब्राह्मणों को शुद्ध उपदेश देते हैं कलयुग में लोग थोड़े लाभ के लिए गो एवं ब्राह्मणों की हत्या तक कर डालते हैं इस प्रकार यह कलिकाल पाप पारायण है कलयुग में केवल भवसागर से पर उतरने का एक ही आधार है श्री राम जी का गुणगान सारे भरोसे को छोड़कर श्री रामचरितमानस का भजन करना चाहिए जिससे मनुष्य बिना ही परिश्रम इस भवसागर से पार हो जाए कथा के समापन पर कथा संयोजक पूर्व विधायक अजय टंडन ने कथा व्यास पंडित नीलमणि दीक्षित एवं टीम का स्वागत सत्कार कर सभी का आभार व्यक्त करते हुए मंगल कामनाएं की इस अवतार पर डॉ अनिल टंडन नवीन तिवारी का विशेष सहयोग रहा।
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