शुक्ला परिवार को गोली कांड में फंसाने लोधियों ने रचा..

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शुक्ला परिवार को गोली कांड में फंसाने लोधियों ने रचा षड्यंत्र..
पथरिया पुलिस ने बरखेड़ा तिराहा ग्राम हिनौता घाट में हुए गोली कांड का खुलासा..

दमोह- हिनौताघाट में लोधियों द्वारा शुक्ला परिवार के लोगों की हत्या की थी। अब इस मामले में लोधी परिवार के हत्यारोपितों को सजा से बचाने के लिए नित नए षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। ऐसा ही एक षड्यंत्र लोधियों ने रचा, जिसमें पथरिया फाटक के जाटवों को साथ में लेकर एक जाटव से दूसरे जाटव के पैर में गोली मरवा दी और नाम शुक्ला का बता दिया। पथरिया पुलिस ने सराहनीय कार्य करते हुए इस फर्जी गोली कांड का पर्दाफाश करते हुए आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि 19 फरवरी को मांगज वार्ड नं. 6 पथरिया फाटक निवासी हरिओम जाटव ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। हिनौताघाट के दो व्यक्तियों से पेट्रोल मांगने पर विवाद हुआ इसी बात को लेकर अज्ञात व्यक्ति ने उसके पैर में गोली मार दी है। पथरिया पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए विवेचना प्रारंभ की तो पुलिस को मामला संदिग्ध प्रतीत हुआ। जिस पर पुलिस ने घटना स्थल के साक्ष्यों के अलावा जो हरिओम जाटव के पक्ष में गवाही देने आए थे, सबसे पहले उन्हीं के ऊपर शक की सुई घुमाई तो मामले की परतें खुलने लगी और पुलिस के सामने कहानी यह आई कि विक्रम लोधी के परिवार के लोगों का राजेन्द्र शुक्ला के परिवार से 302 का पुराना मामला चल रहा था। इस मामले में राजीनाम कराने के लिए उसने षड्यंत्र रचा। विक्रम लोधी, नवीन बौद्ध, नत्थू लोधी, विशाल जाटव, शिवा अहिरवार, छोटू उर्फ शुभम जाटव के द्वारा चकेरी घाट में योजना बनाई गई कि विशाल जाटव, शिवा अहिरवार व हरिओम जाटव पहले पंडितों को रोक कर विवाद करेगे। फिर छोटू जाटव, हरिओम जाटव को पिस्टल से गोली मार देगा, और हरिओम जाटव, पंडितों का नाम लिखा देगा। घटना के गवाहान नत्थू लोधी, विशाल जाटव व शिवा अहिरवार बन जाएंगे। नवीन बौद्ध के द्वारा छोटू जाटव को पिस्टल व एक कारतूस दिया गया। 19 फरवरी को जब राजेन्द्र शुक्ला गांव के अभिलाष पटेल के साथ झिरा गांव में क्रिकेट खेलने गया था, तो विक्रम लोधी ने छोटू जाटव, शिवा अहिरवार व हरिओम जाटव को राजेन्द्र शुक्ला की पहचान कराई थी। उसके बाद जब मैच खत्म हुआ उसके बाद जैसे ही राजेन्द्र शुक्ला, अभिलाष पटेल बरखेड़ा तिगड्डा पहुंचे वैसे ही शिवा अहिरवार, हरिओम जाटव व विशाल जाटव के योजना के अनुसार राजेन्द्र शुक्ला को पेट्रोल खत्म होने के बहाने रोका ओर विवाद करने लगे उसके बाद विक्रम लोधी, नत्थू लोधी व छोटू जाटव मोटर साइकिल से आए और राजेन्द्र की मोटर साइकिल की चाबी विक्रम ने निकाल ली। उसके बाद छोटू जाटव ने पिस्टल निकाल कर हरिओम को जंंग के पास गोली मार दी। उसके बाद सभी लोग वहां से फरार हो गए।

आरोपियों ने बनाई थी कुछ इस प्रकार योजना

आरोपियों द्वारा बनाई गई योजना के दौरान विवेचना साक्षीगणों से पूछताछ की गई जो मामला संदिग्ध प्रतीत होने से साक्षी विशाल जाटव, शिवा जाटव, नत्थू सिंह एवं छोटू जाटव से बारीकी से सायबर सेल तकनीकी सहायता से पूछताछ की गई जो विक्रम लोधी के द्वारा राजेन्द्र शुक्ला व मुकेश शुक्ला को 307 व हरिजन एक्ट के मामले में फंसाने के लिए हरिओम जाटव को गोली मारना व राजेन्द्र शुक्ला व उसके भाई का नाम लिखवाने की योजना बनाई गई थी। क्योंकि जिससे शुक्ला परिवार उस केश में राजीनामा कर लेंगे।

पुलिस ने इन्हें लिया गिरफ्त में

पुलिस ने नत्थू सिंह लोधी पिता नारायन लोधी उम्र 31 वर्ष निवासी, खेजराकला थाना दमोह देहात, विशाल जाटव पिता गोवर्धन जाटव उम्र 23 साल निवासी, मागंज वार्ड क्रं 04 पथरिया फाटक दमोह, शिवा पिता धर्मेन्द्र अहिरवार उम्र 19 साल, निवासी मांगंज वार्ड क्रं 06 पथरिया फाटक दमोह,
छोटू उर्फ शुभम पिता प्रहलाद जाटव उम्र 25 साल, निवासी मांगज वार्ड क्रं 05 पथरिया फाटक दमोह थाना कोतवाली से एक पिस्टल, दो मोटर साइकिल व एक खाली खोखा जब्त किया है।

इन्होंने किया सराहनीय कार्य

निरी. सुधीर कुमार बैगी, सउनि गोपाल सिंह, प्रआर. अनिल गौतम, प्रआर संदीप, प्रआर भगत, प्रआर वीरेन्द्र, प्रआर. सौरभ टण्डन, प्रआर. राकेश आठ्या (सायबर सेल) प्रआर. अवधेश एवं आर. नवीन, आर. कपिल, आर. रामसिंह, आर. ओमप्रकाश, आर. नरेन्द्र, आर. अनुरूद्ध, आर. सोनू, आर. मनीष आर. मोहन का योगदान रहा।

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