दमोह में अमृत सरोवर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा, जांच की मांग
दमोह- पथरिया जनपद की ग्राम पंचायत बोतराई में बनाया गया अमृत सरोवर भ्रष्टाचार की बलि वेदी पर स्वाहा हो गया है। इस तालाब में पानी की एक भी बूंद नहीं रुक रही है, जिससे इसका लाभ नहीं मिल रहा है। इतना ही नहीं यहीं नजदीक ही पूर्व में सडक़ बनाने के लिए खोदी गई मुरम से निर्मित खाई को ही परकुलेशन टैंक दर्शाकर राशि आहरण की जा रही है। वहीं एक ही एंगिल की फोटो मनरेगा पोर्टल पर मजूदरों की फीड हो रही है।
दमोह सांसद राहुल सिंह लोधी ने अमृत सरोवर में भ्रष्टाचार व गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए जांच की मांग की गई थी। पथरिया जनपद छोडक़र शेष जनपदों में अमृत सरोवर की जांच शुरू हो गई है। पथरिया जनपद में जितने भी अमृत सरोवर बनाए गए हैं उनमें लाखों रुपए पानी की तरह बहाए गए हैं। जल संरक्षण के लिए बने अमृत सरोवरों की जो तस्वीरें उभर कर सामने आ रही हैं। उसमें व्यापक भ्रष्टाचार की बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
अगर बात की जाए जनपद पथरिया की तो यहां पर अमृत सरोवर बनाने की कवायद युद्ध स्तर पर हुई। लेकिन सर्वे के आधार पर अगर बात की जाए तो तमाम अमृत सरोवर में कुछ ही सही सलामत और मानक के साथ है बाकी का हाल खस्ता है। कहीं पर तालाब खुदवा दिया गया पानी नहीं है, तो कहीं पर अवस्थाओं का अंबार देखा जा रहा है, तो कही पुराने जमाने के बने तालाब को ही अमृत सरोवर बता विभागीय स्तर पर खेल हो गया जो जांच का विषय है। जबकि जिम्मेदार अधिकारियों का यह दावा है, कि अमृत सरोवर बनने से एक तरफ किसानों को फायदा होगा तो वहीं दूसरी तरफ पशु पक्षी भी अपनी प्यास बुझा सकेंगे लेकिन पथरिया जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ा हुआ है।
सामग्री के नाम पर लाखों खर्च
बहरहाल हम बात कर रहे हैं पथरिया जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत बोतराई की जहां करीब 19 लाख 76 हजार की लागत से अमृत सरोवर का निर्माण पंचायत द्वारा किया गया। जिसमें करीब 7 लाख रुपए की लेवर व 5 लाख रुपए मटेरियल के नाम पर व्यय किए गए हैं। लेकिन अमृत सरोवर की स्थिति देखने योग्य है। अमृत सरोवर में लाखों रूपए सामग्री के नाम पर खर्च कर दिए गए हैं, किंतु उक्त सामग्री का उपयोग कहीं पर नजर नहीं आता।
बता दें कि इस तालाब निर्माण में 462 बैग सीमेंट की खपत की गई है जो करीब 1 लाख 61 हजार रुपए के है। सेंट फिलिंग के नाम पर करीब 1 लाख 28 हजार रुपए खर्च किए गए हैं। तो वहीं बोल्डर के नाम पर करीब 62 हजार रुपए का व्यय किया गया है। 1 लाख रुपए से अधिक का सिर्फ सरिया उपयोग किया गया है जो कहीं पर भी नजर नहीं आ रहा।
अवैध पत्थर खदान को बना दिया अमृत सरोवर
स्थानीय लोगों की मानें तो यह अमृत सरोवर जिस जगह पर बनाया गया है वह पहले अवैध पत्थरों की खदान थी। जिसका आकार तालाब नुमा था पंचायत ने इस अवैध खनन को अमृत सरोवर में तब्दील कर दिया
जो मशीनों के माध्यम से बनाया गया है। आसपास के लोग बताते हैं कि यह अमृत सरोवर कभी-भी पानी से नहीं भरता है। बरसात के समय में थोड़ा बहुत पानी जमा हो पता है जो चंद दिनों में ही सूख जाता है।
रोड का खनन अब बना परकुलेशन टैंक
बोतराई ग्राम पंचायत में वर्तमान में परकुलेशन टैंक कार्य के मस्टर डाले जा रहे हैं। पिछले 8 दिन से एक ही एंगिल की पुरानी फोटो अपलोड की जा रही है। जहां परकुलेशन टैंक दर्शाया गया है, वहां मंडी बोर्ड के लिए बनी सडक़ के लिए खोदी गई मुरम का बड़ा गड्ढा था जिसे अब परकुलेशन टैंक दर्शाकर राशि हड़पने की तैयारी प्रारंभ कर दी है।
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