दमोह के जलस्त्रोतों को संवारने का संकल्प: दीवान तलैया में रविवार से श्रमदान
दमोह: दमोह नगर के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के जलस्रोत दीवानजी तलैया का कायाकल्प अब नागरिकों के हाथों में होगा। कलेक्टर सुधीर कोचर की पहल पर नगर के जलस्त्रोतों को संवारने और अगली पीढ़ी के लिए सहेज कर रखने के उद्देश्य से एक जन-जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। इसी कड़ी में, इस रविवार से दीवानजी तलैया में श्रमदान का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिलेगी।
इस महत्वपूर्ण कार्य की शुरुआत मराठा समाज कर रहा है। महाराष्ट्र मंडल समिति ने अपने सभी सदस्यों को श्रमदान में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया है। कलेक्टर सुधीर कोचर ने इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि स्वच्छता के प्रति समाज में जागृति लाने के लिए नगर में लगातार श्रमदान आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नगर के जलस्त्रोतों को नगर के नागरिक ही संवारें और आने वाली पीढ़ी के लिए इसे संजोकर रखें, यह मंशा निश्चित रूप से सफल होगी। शहर के अन्य तालाबों और चौराहों के संरक्षण और संवर्धन के बाद अब दीवानजी की तलैया को इस अभियान में शामिल किया गया है।
स्वच्छता अभियान के प्रभारी सुशील कुमार नामदेव ने जानकारी देते हुए बताया कि इस रविवार सुबह 7 बजे से 9 बजे तक स्थानीय श्रीराम मंदिर की तरफ से श्रमदान का शुभारंभ होगा, जो पूरे ग्रीष्मकाल में जारी रहेगा। मराठा समाज के कई समाजसेवी इस तलैया को पुनः जल से लबालब देखने के लिए श्रमदान करने का संकल्प ले चुके हैं।
दीवानजी की तलैया के निचले हिस्से में असाटी समाज और चौरसिया समाज के भी बड़ी संख्या में लोग निवास करते हैं, जिन्हें भी प्रत्येक रविवार को होने वाले इस श्रमदान में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। यह ऐतिहासिक तलैया मराठा कालीन पेशवा शासनकाल की है और इसका प्राचीन एवं धार्मिक महत्व है। यह शहर का पारंपरिक जवारा विसर्जन स्थल है। इस वर्ष यहां प्राकृतिक कुंड बनाकर जवारे विसर्जित कराए गए थे।
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