रानी दमयंती पुरातत्व संग्रहालय में ‘सिक्कों की कहानी’ प्रदर्शनी का शुभारंभ
दमोह: रानी दमयंती पुरातत्व संग्रहालय, दमोह में विश्व विरासत दिवस के अवसर पर ‘सिक्कों की कहानी’ नामक एक विशेष छायाचित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन अंतर्राष्ट्रीय छाया चित्रकार मनोहर काजल और वरिष्ठ साहित्यकार नरेंद्र दुबे ने संयुक्त रूप से देवी सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर और दीप ज्योति मंत्र का उच्चारण करके किया।

प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व की धरोहर के रूप में स्थापित रानी दमयंती पुरातत्व संग्रहालय समय-समय पर विभिन्न आयोजनों के माध्यम से आम लोगों में पुरातत्व और संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य करता रहा है।
इस प्रदर्शनी में प्राचीन काल की विभिन्न प्रचलित मुद्राओं जैसे आहत मुद्राएं, ठप्पांकित मुद्राएं, गुप्तकालीन मुद्राएं, कुषाण कालीन मुद्राएं, सातवाहन कालीन मुद्राएं, इंडो पर्शियन मुद्राएं, इंडो सीथियन मुद्राएं, पांचाल छत्रप की आहत मुद्राएं, कौशल जनपद की मुद्राएं, अंग जनपद की आहत मुद्राएं, और आधुनिक बुंदेलखंड के चैदी जनपद की आहत मुद्राओं के छायाचित्रों का संग्रह प्रदर्शित किया गया है।
संग्रहालय के संचालक सुरेन्द्र चौरसिया ने बताया कि यह प्रदर्शनी विश्व विरासत दिवस से शुरू होकर 24 अप्रैल 2025 तक प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 05 बजे तक आम दर्शकों के लिए रानी दमयंती पुरातत्व संग्रहालय में खुली रहेगी।
इस छायाचित्र प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में डॉक्टर चौधरी, जिला समन्वयक सुशील नामदेव, डॉक्टर आलोक सोनवलकर, कृष्णा पटेल, अशोक राय, ऋषभ जैन, पावनी और शहर के कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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