दमोह में शाखा संगम: ‘पंच परिवर्तन से होगा समाज परिवर्तन’ का उद्घोष
दमोह: स्थानीय एक्सीलेंस ग्राउंड में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की दमोह नगर इकाई द्वारा एक भव्य शाखा संगम कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में नगर की 20 बस्तियों से आईं 21 शाखाओं के स्वयंसेवकों ने एक साथ भाग लिया. यह पहला अवसर था जब दमोह नगर की सभी शाखाएं एक ही स्थान पर एकत्रित हुईं.
इस विशेष अवसर पर महाकौशल प्रांत के प्रांत प्रचारक श्रीमान ब्रजकांत जी ने मुख्य वक्ता के रूप में स्वयंसेवकों को संबोधित किया. उन्होंने अपने उद्बोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के जीवन के प्रेरक प्रसंगों को साझा किया. उन्होंने बताया कि डॉ. हेडगेवार अपने प्रत्येक स्वयंसेवक को देवतुल्य मानते थे और देश के लिए प्रतिदिन जीना और संघर्ष करना, उनके अनुसार देश के लिए शहीद होने से भी बड़ा कार्य था.
श्री ब्रजकांत जी ने वर्तमान सामाजिक परिदृश्य पर भी अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुई आतंकी घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि आतंकवादियों ने हमला करते समय किसी की जाति नहीं पूछी, बल्कि धर्म के आधार पर लोगों को निशाना बनाया. उन्होंने बंगाल के मुर्शिदाबाद की घटना का भी उदाहरण दिया, जहां हमलावरों ने पीड़ितों की जाति नहीं देखी, बल्कि उन्हें ‘काफ़िर’ मानकर हमला किया.
उन्होंने ब्रिटिश शासनकाल में जनगणना के दौरान समाज को बांटने की नीतियों पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि 1870 की पहली जनगणना में सिखों के लिए कोई अलग कॉलम नहीं था, लेकिन 1881 की दूसरी जनगणना में फूट डालने के उद्देश्य से सिखों के लिए अलग कॉलम बनाया गया. इसी प्रकार, सेना में भी जाति आधारित रेजीमेंट बनाकर अंग्रेजों ने समाज को विभाजित करने का प्रयास किया.
विश्व में शांति और पर्यावरण संरक्षण के लिए हिंदुत्व के महत्व पर जोर देते हुए श्री ब्रजकांत जी ने कहा कि जहां अन्य मतों ने तलवार या अन्य माध्यमों से धर्मांतरण कराया, वहीं हिंदुत्व ने हमेशा “सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया” की भावना को पोषित किया है.
अपने संबोधन के अंत में उन्होंने “पंच परिवर्तन” का आह्वान किया, जिसे समाज में लाने से वास्तविक परिवर्तन संभव है. ये पांच परिवर्तन हैं: सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन, स्व का बोध और नागरिक कर्तव्य. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आगामी शताब्दी वर्ष में मंडल और बस्ती स्तर पर बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
कार्यक्रम का समापन एक प्रेरणादायक गीत की पंक्ति के साथ हुआ: “लिए प्रखर संकल्प हृदय में आगे बढ़ते जाएंगे, हिंदू राष्ट्र का गौरव वैभव जगती में प्रकटाएगे”. इस शाखा संगम ने दमोह नगर के स्वयंसेवकों में नए उत्साह और संकल्प का संचार किया.
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