दमोह। मुंबई में आयोजित होने वाले प्रतिष्ठित फिल्म समारोह फिल्मफेयर में दमोह के कलाकारों द्वारा बनाई गई फिल्म इज हरदौल अलाइव (क्या हरदौल जिंदा है को नॉमिनेशन मिला है फिल्म फेयर के शॉर्ट फिल्म कैटेगरी में यह नॉमिनेशन मिला है इस समारोह में विभिन्न प्रकार के अवार्ड दिए जाने हैं जिसमें बेस्ट एक्टर, बेस्ट एक्ट्रेस बेस्ट फिल्म और पीपल्स चॉइस बेस्ड फिल्म अवार्ड भी दिया जाता है जिसमें दमोह के लोगों ने लाला हरदौल पर बनी इस फिल्म को अपना वोट दिया है आगामी समय में फिल्मफेयर अवार्ड के ज्यूरी मेंबर अवार्ड के घोषणा करेंगे और मुंबई समारोह के दौरान फिल्मों को अवार्ड दिया जाएगा उम्मीद है कि बुंदेलखंड के ओरछा में बनी इस फिल्म को यह अवार्ड मिलेगा दरअसल दमोह में शिक्षक के रूप में अपने महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले डॉ प्रो रश्मि जेता के निर्देशन में बनी इस फिल्म की निर्माता उन्ही की पत्नी श्रीमती रश्मि जेता है वही फिल्में मुख्य भूमिका में मनीष सोनी, जूही सोनी, धर्मेंद्र यादव और मंशा सोनी हरप्रसाद अहिरवार है फिल्म में एडिटिंग और सिनेमैटोग्राफी राहुल तिवारी ने की है वही एडिटिंग और सिनेमैटोग्राफी में नरेंद्र अठया का विशेष योगदान रहा है
एक और सिनेमैटोग्राफर के रूप में शनि पारोचे इस फिल्म में रहे हैं फिल्म में सहयोगियों के रूप में अज्जू ठाकुर दिनेश ठाकुर शुभम सोनी मौजूद रहे फिल्मफेयर में नामित होने से पहले इस फिल्म को तीन महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड मिल चुके हैं इसमें सिंगापुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट फिल्म का अवार्ड, कॉलिवुड इंटरनेशनल फेस्टिवल में बेस्ट फिल्म का अवार्ड और क्राउन बुड इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल मद्रास में भी अवार्ड मिल चुका है। दरअसल यह फिल्म ओरछा के लाला हरदौल के मुख्य किरदार पर आधारित है इस फिल्म में इतिहास को लेकर भ्रांतियां को समाप्त किया गया है अक्सर इतिहास में हर घटना के कारण और साक्ष्य को तलाश जाता है पर इस फिल्म में इस बात पर जोर दिया गया है कि कई बार इतिहास की हर घटना में साक्ष्य नहीं मिलने पर वे घटनाएं सही होती है
वही लोकमान्यताओं का इतिहास भी एक सर्वमान्य इतिहास होता है तभी वह लंबे समय तक जीवित रहता है। इस फिल्म के निर्माता निर्देशक सहित पूरी टीम ने आम दर्शकों से अपील की है कि पीपुल्स च्वाइस अवार्ड के लिए बढ़-चढ़कर अपना वोट करें ,दरअसल इस टीम के द्वारा पहले भी कई फिल्मों का निर्माण किया जा चुका है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ चुकी है जिसमें खजुराहो मंदिरों पर आधारित फिल्म खजुराहो की बोलती दीवारें ,बुंदेलखंड के राई नृत्य पर आधारित फिल्म अभिशप्त रानियां सामाजिक ताने-बाने से जुड़ी फिल्म एम आई गिल्टी और ड्रंक ड्राइविंग पर आधारित फिल्म हु किल्ड का निर्माण भी इस टीम के द्वारा पहले ही किया जा चुका है जिन्हें के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अवार्ड भी मिल चुके हैं फिल्म के सभी सदस्यों को उम्मीद है कि आगामी समय में मुंबई में आयोजित होने वाले फिल्म फेयर अवार्ड में उनकी फिल्म इज़ हरदौल अलाइव को अधिकांश अवार्ड मिलेंगे फिलहाल यह फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दर्शकों के लिए मौजूद है और फिल्म फेयर द्वारा जारी किए गए ऑफिशल साइट पर पूरी फिल्म मौजूद है जिसे दर्शक निःशुल्क देख सकते हैं और अपना वोट भी दे सकते हैं।
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