नवजात शिशु देखभाल एवं बच्चों में खतरे के लक्षण के बारे में किया जायेगा जागरूक…

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राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह आज 18 से 23 दिसम्बर तक

दमोह : 17 दिसम्बर 2023

            मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सरोजनी जेम्स बेक ने बताया कि नवजात शिशु की सेहत की देखभाल के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह 18 से 23 दिसम्बर दौरान चलाया जायेगा। इस दौरान संस्था स्तर पर स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को शिशु की बुनियादी देखभाल के संबंध में उन्मुखीकृत किया जायेगा। वहीं मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा समुदाय स्तर पर निमोनिया से बचाव, नवजात शिशु देखभाल एवं बच्चों में खतरे के लक्षण के बारे में अभिभावकों को जागरूक किया जायेगा। नव प्रसूताओं को स्तनपान के महत्व एवं स्तनपान के तरीके बताये जायेंगे।

            सी.एम.एच.ओ. डॉ बेक ने बताया कि नवजात बच्चे के जन्म के पहले मिनट से लेकर शुरूआती 45 दिन जीवनरक्षा की दृष्टि से विशेष देखभाल की जरूरत होती है। उन्होने कहा है शिशु का सुस्त होना, झटके आना, सांस का तेज (एक मिनट में 60 या 60 से ज्यादा), पसलियों का धसना, हाथ, तलवे और पैरों का पीला पड़ना, मॉ का दूध न पी पाना जैसे खतरे के लक्षण दिखाई देने पर चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें।

नवजात देखभाल की अहम बातें

            सीएमएचओ डॉ. बेक ने बताया कि नवजात बच्चे को जन्म के तुरंत बाद न नहलायें। शिशु की नाल को सूखा रखें, नाभि में कुछ न लगायें। शिशु जन्म के एक घंटे के अंदर मॉ का दूध अवश्य पिलायें। छः माह तक केवल स्तनपान ही करायें। शिशु को सर्दी से बचाव के लिए बच्चों को नर्म, मुलायम कपडे़ में लपेटकर गर्म रखें। संक्रमण से बचाव के लिए स्वच्छता का विशेष ख्याल रखें। बच्चे को छूने, खाना बनाने व खाने से पहले मल व पेशाब के निपटान के बाद साबुन व पानी से हाथ अवश्य धोयें। आंख, कान, नाक को साफ रखें। आंखों में काजल लगाने से बचें। निमोनिया से बचाव के लिए न्यूमोकोकल कॉन्ज्यूगेट वैक्सीन की तीनों डोज अवश्य लगवायें। बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण तालिका अनुसार निःशुल्क टीकाकरण अपने नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र अथवा ग्राम स्तर पर हर माह आयोजित किये जाने वाले ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस पर अवश्य करायें।

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