ऐसे बच्चे जो किन्हीं कारण से दिव्यांग हुये या कुछ कमी रह गई, वह कमी भगवान कहीं ना कहीं पूरी कर देता है-राज्यमंत्री पटैल..
नन्हीं खुशियां कार्यक्रम में पहुंचे राज्यमंत्री पटैल दिव्यांग बच्चों को उपहार एवं अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया..
दमोह : इस तरह का कार्यक्रम ऐसे बच्चों के लिए जो दिव्यांगजन है, जब किसी परिवार में दिव्यांग बच्चा हो जाता है, उस परिवार के बारे में सोचिए, हम कभी 1-2 घंटे उनके बीच में आते हैं, तो हमारा दिल दुखने लगता है, कई बार आंसू आ जाते हैं, पता नहीं उनके साथ ऐसा क्यों हुआ। जो बच्चे सुन नहीं सकते, बोल नहीं सकते सरकार उनका मुफ्त इलाज करती है, लेकिन उसकी एक उम्र है, यदि जन्म के बाद 3-4 साल में उनका इलाज हो जाता है, तो संभव है वह बोल भी सकते हैं और सुन भी सकते हैं। इस आशय के विचार प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी विभाग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री लखन पटेल ने आज जबलपुर नाका स्थित एक हॉटल में आयोजित दैनिक नई दुनिया के कार्यक्रम नन्हीं खुशियां में व्यक्त किये। उन्होंने दिव्यांग बच्चों को उपहार भेंट किये तथा अतिथिगणों को नईदुनिया 5 जून 1947 के पहले अंक की प्रति स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट की। इस अवसर पर विधायक हटा उमादेवी खटीक, एसडीएम आरएल बागरी, जनसंपर्क अधिकारी वाईए कुरैशी मौजूद थे।
राज्यमंत्री श्री पटैल ने कहा मेरे यहां एक बच्ची जब वह चार-पांच साल की थी तब से मेरे यहां पर रह रही थी, उसकी शादी भी हमने की, उसकी एक बेटी दिव्यांग हुई, एक डेढ़ साल तक हमें समझ नहीं आया, फिर समझ आया कि यह सुन नहीं सकती है, उसको अस्पताल में दिखाया, डॉक्टर ने रिकमेंड किया तो भोपाल से उसका ऑपरेशन हुआ, जिसका सरकार ने नि:शुल्क इलाज कराया, आज वह बेटी बोलती भी है और सुनती भी है, सब बातचीत करती है।
राज्यमंत्री श्री पटैल ने कहा यदि समाज से जुड़े लोगों को ऐसी किसी की जानकारी आती है तो सरकार की योजनाओं के लाभ के लिए उन्हें जरूर बताएं कि ऐसा करेंगे तो ठीक हो जाएंगे, इसके लिए सरकार काम कर रही है, लेकिन हम समाज के लोगों की भी जिम्मेदारी है ऐसे बच्चे जो किन्हीं कारण से दिव्यांग हुए या कुछ कमी रह गई, वह कमी भगवान कहीं ना कहीं पूरी कर देता है, यदि कोई दिव्यांग है, तो वह अपना रास्ता खुद तय कर लेता है, उसको भगवान ने सिक्स सेंस दिया हुआ है वह पूर्वाग्रह से समझ लेता है, हम कई बार नहीं समझ पाते हैं, लेकिन वह दिव्यांगजन समझ जाते हैं।
उन्होंने सभी से आग्रह करते हुये कहा ऐसे परिवार हो तो प्यार और स्नेह के आधार पर उनकी मदद करें। दिव्यांग बच्चों के साथ रहने में एक अलग खुशी मिलती है, अंदर से अलग सुकून मिलता है और अधिक प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है, यदि हम प्रोत्साहित करेंगे तो ऐसा कोई काम नहीं है जो यह नहीं कर सकते हैं, वह सारे के सारे काम कर सकते हैं।
इस अवसर पर उन्होंने आयोजन समिति का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने खास तौर से नई दुनिया के लिए जिन्होंने इस काम को हाथ में लिया और उसे आगे बढ़ाया, हम सभी मिलकर इस काम को और अधिक गति देंगे। उन्होंने सभी को शुभकामनाएं और धन्यवाद देते हुए कहा ऐसे कार्यक्रम करते रहें, यही हमारे साथ जाने वाला है, यहीं पुण्य हमारे साथ रहने वाला है।
नई दुनिया के संदीप शर्मा ने कहा नन्ही खुशियां कार्यक्रम का हम 55 जिलों के 57 संस्करण में प्रवेश कर रहे हैं दमोह देशभक्ति की धरा को प्रणाम करता हूं कि यह कार्यक्रम यहां दोबारा हो रहा है। यहां के सभी सहयोगी जनों के आभारी हैं, नई दुनिया की तरफ से सभी का धन्यवाद करते हैं कि ऐसे कार्यक्रम हम निरंतर करते रहें। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार सुनील गौतम ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन पं.विपिन चौबे ने किया।
इस अवसर पर विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारीगण, शिक्षण संस्थाओं के दिव्यांग बच्चों और शिक्षकगण बड़ी संख्या में मौजूद थे।
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