गंभीर बीमारियां चुनाव देखकर नहीं आती हैं- पं गोपाल भार्गव
मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद पर वंदिश हटाई जाए
दमोह- आचार संहिता लगने के साथ ही मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद पर पिछले तीन दिन से वंदिश लगी हुई है। जिससे गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीज इस अनुदान से अपना इलाज कराने के लिए इंतजार कर रहे हैं। इस गंभीर मसले पर भाजपा के वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव ने मुख्य निर्वाचन आयोग का ध्यान आकर्षित कराते हुए एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के लिए कारगर मदद है, गंभीर बीमारियां चुनाव या आचार संहिता देखकर नहीं आती हैं, इसलिए इस मद को प्रतिबंध से मुक्त रखा जाए।
गोपाल भार्गव ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि मेरे विधानसभा क्षेत्र रहली, जिला-सागर सहित संपूर्ण मध्यप्रदेश में आम चुनाव 2024 की आर्दश आचार संहिता लागू हो जाने के कारण मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान स्वीकृति की प्रकिया विगत 3 दिनो से बंद है। इस कारण बहुत से जरूरतमंद लोग इलाज हेतु आर्थिक मदद के लिए भटक रहे हैं। इस संबंध में मेरा आपसे अनुरोध है कि चूंकि बीमारियां चुनाव और आचार संहिता देखकर नहीं आती हैं। इसलिए यदि मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान की स्वीकृति को आर्दश आचार संहिता में प्रतिबंधित किया गया है तो मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए इसे प्रतिबंध से मुक्त करने का कष्ट करें। और यदि प्रतिबंधित नहीं किया गया है तो मध्यप्रदेश राज्य शासन को इस संबंध में तत्काल स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करने कष्ट करें।
इस संबंध में मैं यह भी स्पष्ट करना चाहता हूं कि मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद् से सिर्फ गंभीर बीमारियों के इलाज हेतु ही सहायता राशि स्वीकृत की जाती है। स्वीकृत राशि अस्पताल द्वारा मरीज को दिए गए इलाज के अनुमानित प्राक्लन के आधार पर अस्पताल के खाते में ट्रांसफर की जाती हैं न कि बीमार व्यक्ति के खाते में। यह बिंदु भी आचार संहिता के किसी भी प्रकारण उल्लंघन का कारण नहीं बनता है। इसलिए चुनाव आयोग इस मानवीय बिंदु पर विचार कर शीघ्र ही अपनी स्थिति स्पष्ट करे।
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