ख़ुदा को राजी करने ईदगाह में झुके हजारों सर…

Spread the love

हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ईदुल फित्र का पर्व।

देश और दुनियाँ के साथ दमोह जिले में ईदुल फित्र का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया दमोह नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रतिवर्षानुसार क्षेत्रीय ईदगाह मस्जिदों में ईद की नमाज़ पढ़ी गई ।


दमोह नगर के फुटेरा तालाब स्थित ईदगाह
मस्जिद में गुरुवार सुबह 8 बजे ईदुल फित्र की नमाज़ शहर की जामा मस्जिद के पेश इमाम हाफ़िज़ मुनव्वर रज़ा साहब ने पढ़ाई ।इस अवसर पर हज़ारों की तादाद में मुस्लिम समाज के लोग ईदगाह परिसर में उपस्थित सभी ने एक साथ नमाज़ अदा की नमाज़ के पहले हाफ़िज़ मुनव्वर रज़ा साहब ने तकरीर में कहा कि रमज़ान माह के पूरे रोज़े रखने के बाद अल्लाह तआला ने मोमिनों के लिए ईद की शक़्ल में एक बड़ा इनाम अदा किया गया है जिसे हर मुसलमान बड़ी ही खुशी के साथ इस दिन को मानाता है । इस दिन सभी छोटे बड़े नए कपड़े पहन कर ख़ुशबू लगाकर ईदगाह पहुंचकर नमाज पढ़ते हैं और फिर एक दूसरे का मीठा मुंह करा कर ईद की मुबारकबाद देते इस मौके पर गरीब और मजलूमों की मदद भी की जाती है ताकि आप अपनी खुशी में उन लोगों को भी शामिल कर सकें जो समाज में जरूरतमंद है।
हाफ़िज़ मुनव्वर रज़ा साहब ने ईद की नमाज़ के बाद अपने शहर के साथ पूरे मुल्क के हक़ में अमन चैन के लिये सामूहिक दुआ की ।
बाद नमाज के सभी मुस्लिम भाइयों ने एक दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी इस अवसर पर ईदगाह कमेटी के अध्यक्ष आजम खान ने जिले वासियों को ईद की मुबारकबाद दी और जिला प्रशासन नगर पालिका प्रशासन की व्यवस्थाओं के लिए शुक्रिया अदा किया।
इस अवसर पर जिला प्रशासन से एसडीएम आर एल बागरी सीएसपी अभिषेक तिवारी सहित अनेक अधिकारी कर्मचारियों की उपस्थिति रही

ईदगाह के अलावा शहर की कछियांन मस्जिद सहित अन्य मस्जिदों में भी ईदुल फित्र की नमाज़ अदा हुई मस्जिद कछियांन में मौलाना तहसीन रज़ा साहब ने नमाज़ पढ़ाई इसके अलावा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी ईदुल फित्र का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । ईदगाह और मस्जिदों से निकलने के बाद सभी मुस्लिम भाई शहर की कब्रस्तान पहुँचे जहाँ अपने मरहूम परिजनों के हक़ में दुआएं की पुरैना तालाब के पास कब्रस्तान धरमपुरा वार्ड कब्रस्तान सिंगपुर कब्रस्तान में हजारों लोग पहुँचे और दुआएं की।
मुस्लिम बहुल्य क्षेत्रों में ईद के मौके पर सभी से मिलने मिलाने और मुबारकबाद देने का दौर चला जो शाम तक चलता रहा।

इम्तियाज़ चिश्ती

About The Author

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com