बाल विवाह न होने दें और न ही इसमें शामिल हों अन्यथा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत होगी कार्यवाही…

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माता-पिता, पड़ोसी, रिश्तेदार एवं सभी संबंधितों से आग्रह किया गया है बाल विवाह न होने दें और न ही इसमें शामिल हों अन्यथा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत होगी कार्यवाही

दीवार लेखन एवं रैलियों के माध्यम से बाल विवाह रोकने

 लोगो को किया जा रहा जागरूक

दमोह : कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर द्वारा दिये गये निर्देशों के तहत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग दमोह के मार्गदर्शन में बाल विवाह रोकने के लिए समस्त विभागों को निर्देश दिए गये है। ग्राम, ब्लॉक एवं जिला स्तर के समस्त कर्मचारियों द्वारा बाल विवाह रोकथाम के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे है ताकि लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक किया जा सके। वहीं जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के किशोर-किशोरी साथिया एवं आशा आंगनवाडी कार्यकर्ताओं द्वारा अपने कार्यक्षेत्रों में ग्राम स्तर पर दीवार लेखन, रेलिया एवं पोस्टर चार्ट के माध्यम से अपने-अपने ग्रामों में जागरूकता अभियान चलाये जा रहे हैं।

             मध्य प्रदेश में बाल विवाह रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केंद्र सरकार के निर्देश पर अधिनियम को पुन: जारी किया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा समस्त आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को से कहा है की वे अपने-अपने क्षेत्र की उन बालक-बालिकाओं की सूची आवश्यक रूप से तैयार करें जिनकी बालिका की उम्र 18 से कम एवं बालक की उम्र 21 से कम है और उनके संभावित बाल विवाह की संभावना है। इन्हें और इनके परिवारों को बाल विवाह न करने की बार बार समझाइस दी जाए, इसके पश्चात भी नहीं मानते हैं तो तत्काल सीडीपीओ को सूचित किया जाए ताकि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार कार्यवाही की जाये, जिसमे संबंधितों के विरुद्ध एफ.आई.आर. कराना भी सम्मिलित है।

            जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जन सामान्य, माता-पिता, पड़ोसी, रिश्तेदार, सम्मिलित बाराती, बेंड/लाइट, डेकोरेशन वाला, विवाह स्थल/गार्डन मालिक, कार्ड छापने वाला प्रिंटर्स, पंडित/मौलवी, हलवाई, कपड़ा सिलने वाला, नाई,  ट्रांसपोर्टर्स एवं समस्त संबंधितों से आग्रह किया गया है की वह इस तरह के बाल विवाह न होने दें और न ही इसमें शामिल हों अन्यथा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धारा 10 के तहत वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।

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