दमोह। नगर के श्री पारसनाथ दिगंबर जैन नन्हें मन्दिर जी मे आचार्य भगवान श्री विद्यासागर जी महाराज एवं आचार्य श्री समय सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य तीन निर्यापक मुनि संघ विराजमान है जिनके सानिध्य में सुबह से शाम तक विविध धार्मिक आयोजन चल रहे हैं। जिनमे नगर की सक्ल जैन समाज के अलावा अन्य क्षेत्रों से श्रद्धालु जन शामिल होकर धर्म लाभ अर्जित कर रहे हैं। पूज्य निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी, श्री प्रसाद सागर जी एवं श्री वीर सागर जी महाराज ससंघ सानिध्य में जैन धर्मशाला में शनिवार को सुबह 5 बजे से श्रावक पूजन अभिषेक सामूहिक शिविर का आयोजन किया गया।
जिसमें नगर के सभी मंदिरों से पूजन करने वाले श्रावक जन शामिल हुए। इस अवसर पर मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज ने अभिषेक तथा गंधोदक की महिमा बताई। मुनिश्री ने पूजन की क्रिया में अभिषेक का महत्व बताते हुए कहा कि प्रत्येक श्रावक को नित्य अभिषेक जरूर करना चाहिए तथा महिलाओं को किसी और के सामने गंधोदक के लिए हाथ फैलाने की बजाय अपने पति या बेटे से ही गंधोदक लेना चाहिए। अभिषेक करने के लिए अपने घर से ही धोती पहनकर या लेकर मंदिर जी आना चाहिए। मंदिर में एक या दो बार में ही सभी वेदियों पर एक निश्चित समय में अभिषेक संपन्न करना चाहिए। अभिषेक की पूजन के समय के दौरान घर तथा बाहर अन्य किसी प्रकार की क्रिया नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे पाप कर्मों का बंध होता है।
मुनि श्री सुधा सागर जी की प्रेरणा से आज श्री पारसनाथ दिगंबर जैन नन्हे मंदिर एवं बड़ा मंदिर के आसामियों के अलावा अन्य मंदिरों के आसानियों ने भी पर्ची लिखकर अपनी अभिषेक राशि के भाव अभिव्यक्त किए। नन्हे मंदिर से राकेश नायक डॉक्टर गौरव नायक एवं धर्मचंद पिपरिया नितिन मोदी परिवार ने आजीवन महायज्ञ नायक बनने का सौभाग्य प्राप्त किया। रविवार को सुबह 5 बजे से मुनि संघ के सानिध्य में पुनः श्रावक पूजन अभिषेक शिविर का आयोजन किया गया है जिसमें अभिषेक उपरांत पूज्य सुधा सागर जी महाराज के हाथों से सभी अभिषेक करने वालों को गंदोधक मस्तक पर लगवाने का सौभाग्य प्राप्त होगा।
आहार के पुण्यार्जक परिवार- शनिवार 18 में को जैन धर्मशाला से पड़गाहन करके मुनियो को अपने चौके में ले जाकर पुनर्जन करने का सौभाग्य अनेक परिवारों को प्राप्त हुआ। निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी को आहार देने का सौभाग्य सौभाग्य संतोष सिंघई के परिवार को प्राप्त हुआ। निर्यापक मुनि श्री प्रसाद सागर के आहार सुषमा अतुल जैन रुई वाले परिवार को प्राप्त हुआ। निर्यापक मुनि श्री वीर सागर जी को आहार देने का सौभाग्य नवीन निराला परिवार को मिला। मुनि श्री पदम सागर जी के आहार संजय सराफ बड़े परिवार, मुनि श्री शीतल सागर के आहार वीरेश सेठ परिवार, छुललक गंभीर सागर के आहार अभिषेक भैया परिवार के यहा हुए।
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