कुपोषित आदिवासी बच्ची को मिला जीवन..  जाको राखे साइयाँ,मार सके न कोई…

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दमोह : 18 मई 2024

             अति कुपोषित साढ़े 4 किलो की बच्ची 2 मई को जिला अस्पताल दमोह में किसी दयालु पड़ोसी की मदद से लाई गई। मरणासन्न हालत में आई बच्ची को बिना देर किए, डॉक्टर्स ने देखा। मरीज की गंभीरता देखते हुए डॉक्टर्स ने उसे तत्काल पीआईसीयू में भर्ती कराया, जो कि बच्चों का आईसीयू होता है। 3-4 दिन भर्ती रखकर कुपोषित बच्ची की समस्त जांचे की गईं, जांचों में पाया गया कि बच्ची अतिकुपोषित है, रक्त में प्रोटीन एवं रक्त की गम्भीर कमी से पीड़ित है। बच्ची के जीवन के बचने की आस छोड़ चुके परिजनों, स्टाफ ने इलाज पूरी तत्परता से जारी रखा। “जाको राखे साइयां मार सके न कोई” कहते है “कर्म करो, फल की इच्छा मत करो”, फलस्वरूप बच्ची पुनः जीवन की ओर लौटी। पीआईसीयू के बाद बच्ची को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती किया गया। विशेष फार्मूला डाइट और दवाओं के उपचार से बच्ची के स्वास्थ्य में निरंतर सुधार हुआ।

            पोषण पुनर्वास केंद्र के प्रभारी डॉ. सुनील जैन ने बच्ची के बारे में जानकारी देते हुए बताया आशा से आसमान टिका होता है। इस केस में निराश परिजनों पर चिकित्सकीय स्टाफ का बच्ची के स्वस्थ होने को लेकर आशान्वित बने रहना एवं अपना काम ईमानदारी से करना रंग लाया है।

            पीआईसीयू के इंचार्ज एवं सिविल सर्जन डॉ. राजेश नामदेव ने बताया कि जिस बुरे हाल में बच्ची आई थी और अब बच्ची का स्वास्थ्य अच्छी स्थिति में है, वह बड़ा संतोषजनक है। पोषण पुनर्वास केंद्र एवं पीआईसीयू दोनों जगह का स्टाफ बधाई का पात्र है।

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