अतिक्रमण और धर्मांतरण के विरोध में हिन्दु जागरण मंच दमोह द्वारा मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा…

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दमोह।
 हिन्दु जागरण मंच दमोह द्वारा मुख्यमंत्री के नाम दमोह कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें बताया कि हमेशा विवादों में रहने मिशनरी अजय लाल पर 2 वर्ष पूर्व राष्ट्रीय बालसंरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगों दमोह शहर से मिल रही धर्मान्तरण की शिकायतें के चलते 13 नवंबर 2022 को अजय लाल और अन्य ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित छात्रावास और संस्थानों का स्वयं ही निरीक्षण कर इन संस्थानों द्वारा किये गए अवैध धर्मांतरण गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर अवैध धर्मांतरण और मानव तश्करी जैसे गंभीर आरोप में थ्प्त् दर्ज की थी, जिसमे हाई कोर्ट से जमानत पर बाहर है।

2 वर्ष पूर्व ही दमोह में पदस्थ तहसीलदार विकास अग्रवाल द्वारा मिशन अस्पताल को अवैध अतिक्रमण हटाने हेतु 3 दिन की मुहलत में अतिक्रमण हटाने के आदेश दिये थे, पर अजय लाल के रसूख के चलते उक्त तहसीलदार का ट्रांसफर अन्य जिले कर दिया गया और प्रशासन के लचर रवैये के चलते और कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से 3 माह तक कोई कार्यवाही नही कि गई, जिसके चलते भू माफिया अजय लाल ने अपने पैसे के रसूख के चलते हाई कोर्ट से अतिक्रमण हटाने के शासकीय आदेश के खिलाफ अस्थाई स्थगन आदेश ले आये, जिसपर आज दिनाँक तक प्रशासन की ओर से कोई कार्यवाही न करते हुए धर्मांतरण का अड्डा बन चुके मिशन अस्पताल को अवैध अतिक्रमण बनाये रखने का पूर्ण अवसर प्रदान किया, जिससे प्रशासन की कार्यशैली पर भी प्रश्नचिन्ह खड़े होते हैं।

अब मिशन अस्पताल के प्रवंधन में शामिल अजय लाल के पुत्र अभिजीत लाल और इनके अन्य सहकर्मियों कि ओर से मिशन अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों पर जो कि हिन्दू और अन्य समाज के है पर जबरन कैंपस में ही बने चर्च में प्रेयर करने का दवाब बनाया जाता है, जिसका विरोध करने पर कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया, उक्त विषय पर धर्मान्तरण करने वालो पर मुकदमा दर्ज किया गया है, कुछ तथाकथित हिन्दू कर्मचारी जो कि अपने आप को डॉक्टर तिवारी कहते हैं, ने पुलिस कोतवाली जाकर अपने आप को हिन्दू बताते हुए उक्त अस्पताल में हो रहे अवैध गतिविधियों में मिशन अस्पताल के संचालन अभिजीत लाल को क्लीन चिट देने का काम किया, उक्त डॉक्टर के बारे में सूचना प्राप्त हुई है कि ये लोकायुक्त के एक मामले में ट्रैप हुए थे और उन्हें नौकरी से निकाला गया था, सूचनाअनुसार इनकी धर्मपत्नी ईसाई धर्म का पालन करती है और डॉक्टर साहब कई बेनामी संपत्तियों के मालिक भी है, आपसे अनुरोध है कि इनकी जांच की जाए, और इनके धर्म परिवर्तन संवंधित जांच की जाए, क्योकि जब भी मिशनरियों पर कोई कार्यवाही होती है तो ये विशेष रूप से इनके बचाव में हिन्दू बनकर आते हैं। उक्त मिशन हॉस्पिटल के करीब 2.37 एकड़ रकवे को तत्कालीन कलेक्टर श्रीनिवासः शर्मा ने भी अतिक्रमण मुक्त करने को कहा था, पर इनकी नेताओ और अधिकारियों से मिलीभगत के चलते कोई कार्यवाही नही की जा सकी। अजय लाल और इनकी संस्था के अवैध गतिविधियों में शामिल होने के चलते इनके छात्रावास के पंजीकरण भी रदद कर दिए गए। अजय लाल और इनके एमजीओ अवैध धर्मांतरण करवाकर देश की डेमोग्राफी बदलने की साज़िश रच रहे हैं, इनके समस्त एमजीओ और विदेस से मिले विदेशी फण्ड की जांच एनआईए, सीबीआई और ईडी से कराने की मांग इस ज्ञापन के माध्यम से कर रहे हैं। मिशन अस्पताल के अवैध अतिक्रमण और इस मिशन अस्पताल से राय चौराहे से निकलकर बस स्टैंड के पास मिलने वाले मार्ग के अतिक्रमण हटाने के लिए आवश्यक कार्यवाही हेतु मांग की है।

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