मुनि संघ के सानिध्य में जैन धर्मशाला में रक्षाबंधन विधान का आयोजन…

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मुनि संघ के सानिध्य में जैन धर्मशाला में रक्षाबंधन विधान का आयोजन
दमोह। 
दिगंबर जैन धर्मशाला में मुनि श्री प्रयोग सागर जी एवं मुनि श्री सुब्रत सागर जी महाराज के मंगल सानिध्य में आज श्री रक्षाबंधन विधान संपन्न हुआ जिसमें 700 अर्ग चढ़ाए गए इस मौके पर दिगंबर जैन पंचायत अध्यक्ष सुधीर सिंघइ कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी के पूर्व अध्यक्ष संतोष सिंघई पूर्व प्रचार मंत्री सुनील वेजीटेरियन नन्हे मंदिर कमेटी अध्यक्ष नवीन निराला महामंत्री रानू पारस पंडित सुरेश शास्त्री पंडित अखिलेश जैन पंडित प्रदीप शास्त्री आदि की विशेष उपस्थिति रहीं। इस अवसर पर श्री प्रयोग सागर जी महाराज ने कहा कि रक्षाबंधन श्रमण संस्कृति का महान पर्व है श्रमण संस्कृति जब तक जीवित रहेगी तभी तक जिनधर्म जीवित रहेगा श्रवण संस्कृति के इतिहास में जैन मुनियों पर भयंकर उपसर्ग हुए हैं रक्षाबंधन पर्व इसलिए मनाया जाता है क्योंकि आज के दिन अक्वांपनाचार्य आदि 700 मुनिराज पर गहन उपसर्ग आया था जिसे विष्णु कुमार मुनि ने अपनी रिद्धि के दम पर उपसर्ग को दूर किया था और आज के ही दिन मुनि राजो को शिवया की खीर खिलाकर आहार ग्रहण कराए गए थे वे महान मुनिगन प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अडिग रहे निग्रंथ मुनिराज कैसे होते हैं  इसका चित्रण इन पंक्तियों में मिलता है, रहते सहते रहते कुछ न भीती न मानस तल में, आज के समय में मुनियों की तपस्या वंदनिय है प्रतिकूलता में समता का भाव रखना सम्यक है साधु के बिना श्रमण चल सकता है किंतु साधु की चर्य बिना श्रमण के नहीं चल सकती साधु आहार बिहार निहार सभी क्रियायो में श्रावक पर निर्भर होता है।

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