श्री गणेश महापुराण के पांचवें दिवस अंत हुआ जन्मासुर और तारकासुर… श्री भगवान साकेत धाम
दमोह ……. साकेत धाम में नौ कुंडीय यज्ञ और श्री गणेश महापुराण चल रहा है, जिसमें श्रद्धालु श्री आनंदकंद दयाल आश्रम भारी संख्या में पहुंच रहे हैं, वही काशी बनारस मथुरा व अयोध्या से संत महंत व महामंडलेश्वर दमोह की धरती पर आ रहे हैं जिससे दमोह की धारा जिनका आशीर्वाद दमोह वीडियो को मिलने जा रहा है कथा के पंचम दिवस की कथा विशेष रूप से गणेश जी के विभिन्न पहलुओं और उनके भक्तों की भक्ति की महिमा पर केंद्रित है। इस दिन की कथा आमतौर पर गणेश जी के विभिन्न स्वरूपों और उनकी पूजा विधियों के महत्व को दर्शाती है।
पंचम दिवस की कथा में गणेश जी के विभिन्न लीलाओं और उनके भक्तों के साथ घटित घटनाओं का वर्णन किया जाता है।सूत जी ऋषियों से कहते हैं कि वे गणेश और पार्वती के युगों के बारे में बताएं. इसमें सतयुग, त्रेतायुग, और द्वापर युग का किया गया इस कथा के अंतिम पड़ाव मे जन्मासुर और तारकासुर के अंत से से होता है.
इसमें गणेश जी की विशेष उपासना विधियों और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख, समृद्धि और समृद्धि की प्राप्ति के उपाय बताए जाते हैं। इस दिन भक्त गणेश जी की आराधना करके उनके आशीर्वाद की प्राप्ति की कामना करते हैं और विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।
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